सौर उर्जा प्लांट लगाकर बिजली उत्पादन कर सकते हैं किसान..
राजस्थान के कोटा में लगातार हो रही मुसलाधार बारिश के कारण कई जगहों पर खेतों में पानी भर गया है और फसल को भारी नुकसान पहुंचा है..
सीएम कृषि आशीर्वाद योजना के तहत अब जल्द ही झारखंड के किसानों के खाते में पैसे पहुंचेंगे। राजधानी रांची के सभी किसानों को वित्तीय वर्ष 2019-20 में मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना के तहत लाभ पहुंचाने का योजना तैयार..
अब जल्द ही मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात के जिलों में एक पायलेट प्रोजेक्ट शुरु दिया जा रहा है जिसके तहत किसान फोन पर ही मौसम की जानकारी ले सकेगें। कृषि में होगा लाभ..
ऐसे कई वाकये देखने मिलते हैं जहां युवक का शौक उसे अपने व्यक्तित्व निर्माण की ओर ले जाता है और आगे चलकर वही उसकी आजीविका का मार्ग बनता है लेकिन ऐसा बिरले ही देखने मिलता है जब कोई जुनून को इस सीमा तक ले जाए जहां से एक ‘पाक’ क्रांति का जन्म हो।
किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) अब सिर्फ खेती तक सीमित नहीं रहा है. बता दें भारत सरकार ने अब बागवानी, पशु पालन और मछली पालन को भी कृषि क्षेत्र का अभिन्न हिस्सा मान लिया है. मोदी सरकार की इस बड़ी पहल के सहारे अब कृषि क्षेत्र विकास की नयी ऊंचाइयों को छुएगा. वहीं इसी के अंतर्गत अब इनसे जुड़े लोगों को भी किसानों की श्रेणी में शामिल कर लिया गया है. उन्हें किसानों को मिलने वाली सभी सुविधाएं दी जाएंगी. बता दें अंतर सिर्फ यह है कि इन दोनों श्रेणियों में अधिकतम 2 लाख रुपये तक का लोन मिलेगा जबकि फार्मिंग के लिए 3 लाख रुपये तक मिलते हैं.
परंपरागत कृषि विकास योजना' का उद्देश्य दीर्घावधिक मृदा उर्वरता, संसाधन संरक्षण सुनिश्चित करने और रसायनों का प्रयोग किए बिना जैविक खेती को बढ़ावा देना है. वहीं इस योजना के उद्देश्यों में न केवल कृषि पद्धति प्रबंधन बल्कि गुणवत्ता और नवाचारी साधनों के माध्यम से किसानों को सशक्त करना है. बता दें पीजीएस-इंडिया कार्यक्रम के अंतर्गत भागीदारी गारंटी प्रणाली पीकेवाई के अंतर्गत गुणवत्ता हेतु प्रमुख पद्धति होगी. पीकेवीवाई के संशोधित दिशानिर्देश वेबसाइट - www.agricoop.nic.in में उपलब्ध हैं.
मछली पालन को बढ़ाने के लिए केंद्र व राज्य सरकार की ओर से समय-समय पर नए-नए योजनाओं को लाने के साथ-साथ सब्सिडी भी मुहैया कराया जाता है. वहीं इसी कड़ी में बिहार सरकार की ओर से राज्य के अनुसूचित जाति / जनजाति के मत्स्य पालकों के लिए विशेष घटक योजनान्तर्गत निम्नवर्णित योजनाएं स्वीकृत की है.साथ ही योजनाओं का कार्यवन्यन निजी अथवा निबंधित पट्टे की जमीं पर किया जायेगा। सभी कम्पोनेंट में स्वलागत अथवा बैंक ऋण तथा 90 फीसद अनुदान अनुमान्य है.
केंद्र सरकार ने अपने अंतरिम बजट 2019 में असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले श्रमिकों के लिए प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन (PM-SYM) पेंशन स्कीम को शुरू करने की घोषणा की है. इस पेंशन योजना के तहत 60 साल होने पर लाभार्थियों को 3000 हजार रूपये मासिक पेंशन दी जाएगी. वहीं किसी भी परिस्थिति में लाभार्थी की मृत्यु हो जाती है तो इसका लाभ उसके जीवनसाथी को मिलेगा.
पंजाब की लाईवस्टॉक सोल्युशन्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी पिछले कईं वर्षों से अपनी उत्तम क्वालिटी की कैटल फीड के लिए जानी जाती है जो उच्च गुणवत्ता एवं उत्तम ग्राहक सेवा के लिए प्रतिबद्ध है. वहीं गायों और भैसों पर कम से कम खर्च करके ज्यादा से ज्यादा दूध लेने के उद्देश्य से लाईवस्टॉक सोल्युशन्स प्राईवेट लिमिटेड, पंजाब में सबसे ज्यादा असरदार और वैज्ञानिक ढंग से न्यूट्रीकाना पशु आहार का उत्पादन कर रहे हैं. जानते हैं इसके उत्पादों के बारे में -
अब अपने खेत की मिट्टी में पाए जाने वाले पोषक तत्वों की कमी की रिपोर्ट किसानों को तुरंत मिलेगी। बता दें भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद पूसा इस सुविधा को किसानों को प्रदान करने जा रहा है। इसके लिए अनुसंधान किसानों की कंपनी कोमलिका ग्रुप के साथ मिलकर इस तरह के कार्य को करेगा।
बेंगलुरू में रहने वाली 37 वर्षीय गीताजंलि राजामणि एक ऐसी महिला है जो खेतों में अलग-अलग तरीकों को अपनाकर अन्य किसानों की आमदनी को बढ़ाने का कार्य कर रही है। इन्होंने वर्ष 2017 में अपने दो दोस्तों के साथ मिलकर स्टार्टअप कंपनी 'फार्मिजन' को शुरू किया था। बता दें वर्तमान में गीताजंलि की कंपनी हैदराबाद और सूरत जैसी जगहों पर कार्य कर रही है।
ओडिशा के कंधमाल में आदिवासियों से उगाई जाने वाली हल्दी को भौगौलिक पहचान (जीआई प्रमाणन) मिल गया है। बता दें यहां पर सेंट्रल टूल रूम ऐंड ट्रेनिंग सेंटर में स्थापित इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी आफ फैसिलिटेशन सेंटर के प्रमुख ने बताया है कि कंधमाल की हल्दी को भौगौलिक संकेतिक पंजीयक से जीआई पहचान मिल गई है।
केसर आसपास के राज्यों में ही आसानी से मिल जाएगा। वहीं हर कोई इसकी खेती को देखने या करने की इच्छा रखता है. अब आपको ज्यादा दूर जाने की जरूरत नहीं है क्योंकि हाड़ौती-मालावा की धरती भी केसरिया फूल की खेती से लहलहा रही है।
मक्के की खेती करने वाले एक सफल किसान बिहार के जिले किशनगंज के हैं। यहां किसान अब आर्थिक रूप से मजबूती ओर बढ़ रहे है। अब किशनगंज के अधिकाधिक किसान मक्का (मकई) की खेती मे रूची दिखाने लगे है। मक्के की फसल में ये किसान आर्थिक भविष्य देख रहे है. जिले के छोटे-बड़े सभी किसानों को अब पटुआ और अदरख के फसल से मोहभंग होता जा रहा है।
किसान प्रदीप जिले के पहले किसान जिसने केसर की फसल आधा एकड़ जमीन में तैयार की है। उनका परिवार अब केसर की चुटाई में लगा है। अभी तक वे 5 किलोग्राम केसर तैयार कर चुके हैं। प्रदीप का मानना है कि आधा एकड़ जमीन पर करीब 20 किलोग्राम तक केसर तैयार हो जाएगी।
आधुनिक तरीके से खेती करके फसलोत्पादन तथा उत्पादकता में वृद्धि के लिए किसानों के पास उन्नत किस्म की बीज, रासायनिक खाद, कीटनाशक दवा तथा सिंचाई के लिए पानी की समुचित व्यवस्था के साथ उचित समय पर कृषि कार्य करने के लिए आधुनिक कृषि यंत्रों का होना बहुत जरुरी है। बता दें अब इसी कड़ी में मध्यप्रदेश सरकार 'राज्य माइक्रोइरीगेशन योजना' के तहत स्प्रिंकलर सेट, ड्रिप सिस्टम और मोबाइल रेनगन पर 80 फीसद सब्सिडी दे रही है।
सरकार समय-समय पर मछली पालकों के लिए नई-नई योजनाएं बना रही है और उनपर सब्सिडी भी प्रदान कर रही है. अगर आप यह बिज़नेस शुरू करना चाहते हैं तो आप रिसर्कुलर एक्वाकल्चर सिस्टम (आरएएस) तकनीक द्वारा सीमेंट से बने टैंक बनाकर मछली पालन शुरू कर सकते हैं।
उत्तराखण्ड का अधिकांश भू-भाग पहाड़ी क्षेत्र के अंतर्गत आता है. इसके बाद भी यहां बड़ी मात्रा में खेती की जाती है. वहीं कभी बर्फ का गिरने तो कभी भूस्खलन के आने के कारण यहां के किसानों को नुकसान उठाना पड़ता है. किसानों के इसी नुकसान की भरपाई को पूरा करने के लिए सरकार ने किसान पेंशन योजना चालू की है.
किसान कम रकबे में भी जैविक खेती करके अपनी आमदनी को बढ़ा सकते हैं। दरअसल रायपुर के इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में पहली बार गोमूत्र और गोबर युक्त पानी से प्याज की जैविक फसल को तैयार कर लिया गया है. वहीं अगर कृषि वैज्ञानिकों की मानें तो यह प्रयोग काफी सफल रहा है. इस पद्धति के सहारे उत्पादन काफी अधिक होने की उम्मीद है।
हाल ही में केंद्र सरकार ने अंतरिम बजट पेश किया गया था. इस अंतरिम बजट में भी किसानहित में कई लोक-लुभावन योजनाओं की घोषाएं की गई थी. वहीं तमिलनाडु की क्षेत्रीय पार्टी 'द्रमुक' ने अपने घोषणापत्र में छोटे और लघु किसानों के कृषि ऋण माफ करने का वादा करने के एक दिन बाद यानि बुधवार को कहा कि ‘राज्य के सभी वर्गों के किसानों को इसका लाभ मिलेगा’।
केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी 'प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि' योजना की पहली किस्त उन सभी किसानों के खातों में लगभग पहुंच चुकी है. वहीं जिनकी लिस्ट राज्य सरकारों ने केंद्र सरकार को दी थी. बता दें इस योजना की दूसरी किस्त भी 1 अप्रैल तक भेजने की तैयारी हो रही है. इस बीच यह खबर आ रही है कि 'प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि' योजना के लाभार्थी किसानों को अब आधार नंबर देना जरूरी होगा।
केसर की खेती के लिए कश्मीर जाने की कोई जरूरत नहीं होगी। दरअसल, अब केसर आपको आसपास के राज्यों में ही आसानी से मिल जाएगा। वहीं हर कोई इसकी खेती को देखने या करने की इच्छा रखता है. अब आपको ज्यादा दूर जाने की जरूरत नहीं है क्योंकि हाड़ौती-मालावा की धरती भी केसरिया फूल की खेती से लहलहा रही है।
मूली उगाने वाले किसान भी मूली उगाकर अच्छी आमदनी हासिल करते हैं. क्या आप जानते हैं कि आजकल मूली के अचार का फैशन है और अचार बनाने वाली कंपनियों को भारी मात्रा में मूली की आवश्यकता है। तभी वह मूली की खेती करने वाले किसानों के साथ बिज़नेस करना चाहती हैं.
देश के छोटे और सीमांत किसान, जिनके पास राज्य तथा केंद्र शासित प्रदेशों के भू-अभिलेखों में सम्मिलित रूप से 2 हेक्टेयर (लगभग 5 एकड़) तक की कृषि योग्य भूमि का स्वामित्व है. वहीं उनके लिए केंद्र सरकार ने 2019 के अंतरिम बजट में 'प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना' के अनुसार हर साल 6 हजार रुपये देने की घोषणा की है. यह राशि 3 किश्त में चार-चार माह के अंतराल पर की तीन किश्तों में किसानों के बैंक खातें में सीधे उपलब्ध कराई जाएगी।
केंद्र व राज्य सरकार समय-समय पर अलग योजनाएं लाती रहती है. वहीं हरियाणा सरकार आम लोगों को बिजली की समस्या से राहत देने के लिए सोलर होम लाइटिंग सिस्टम लेकर आई है. राज्य के सभी जिलों में 'मनोहर ज्योति होम लाइटिंग सिस्टम' 70 फीसद सब्सिडी पर वितरित करने का लक्ष्य रखा है।
'प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि स्कीम' के अनुसार अब देश में 12 करोड़ किसानों को लाभ मिलेगा। लेकिन ऐसा क्या हो गया कि कर्नाटक में इस योजना से केवल तीन ही किसान लाभान्वित हुए हैं। दरअसल कर्नाटक राज्य में ही केवल 6000 रूपये गए. साथ ही वहीं कांग्रेस शासित राज्य राजस्थान और मध्य प्रदेश में एक भी किसान को लाभ नहीं मिला. ये सभी आकड़े 7 मार्च तक के हैं जो कृषि मंत्रालय के तरफ से जारी किए गए हैं।
'प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि स्कीम' की दूसरी क़िश्त भेजने की अनुमति चुनाव आयोग ने दे दी है। बता दें योजना की दूसरी क़िस्त भेजने के लिए चुनाव आयोग ने कुछ शर्त लगाई है. वहीं चुनाव आयोग ने आदेश जारी किया है कि पीएम किसान योजना की दूसरी क़िस्त उन्हीं किसानों को भेजी जाएगी जो रजिस्ट्रेशन आचार संहिता लागू होने से पहले करा चुके हैं।
अब उत्तराखंड राज्य में बंजर भूमि पर अब लिलियम के फूल लहला रहे है. साथ ही आज लिलियम के फूल बंजर होती जमीन के बीच किसानों की आमदनी के लिए नए द्वार खोल रहे है. दरअसल लिलियम का फूल आबोहवा का एक बेहद ही खूबसूरत फूल होता है. वहीं दुनिया में ट्यूलिप के फूल के बाद लिलियम एक ऐसा फूल है जिसकी मांग सबसे अधिक होती है।
भारत के साथ-साथ पशुपालन के लिए भी दुनिया भर में मशहूर हैं. यहां के किसानों के लिए खेती जितनी महत्वपूर्ण है उतना ही महत्वपूर्ण पशुपालन भी है. यहां पशुपालन को भी एक लाभदायक व्यवसाय के तौर पर देखा जाता है. वहीं गौलाऊ (गौवलाऊ) गाय गायों की नस्ल की एक ऐसी ही गाय है जिसकी नस्ल वैज्ञानिक पद्धति और पर्यावरण के वजह से ख़त्म होने के कगार पर है. आज के समय में तकरीबन 300 गौलाऊ गाय महाराष्ट्र के वर्धा के तीन तहसीलों (आरवी, आष्टी, कारंजा ) में बची हैं।
देश ने कृषि के क्षेत्र में हरित क्रांति, श्वेत क्रांति और स्वर्ण क्रांति के बाद वो मुकाम हासिल कर लिया हैं। बता दें खेती करने के लिए सबसे पहले जगह की जरूरत होती है उसके बाद से मिट्टी की. लेकिन अब ऐसा नहीं हैं. ऐसा मुमकिन हो सका है खेती की एक खास विधि से। साथ ही इस अनूठे तरीके को हाइड्रोपोनिक्स कहते हैं।
बता दें देश में पहली बार सरकार द्वारा पशुपालन के क्षेत्र में सराहनीय कार्य करने वाले लोगों को पद्म श्री आवार्ड से नवाजा गया है। दरअसल राष्ट्रपति भवन में महामहीम रामनाथ कोविंद ने किसान नरेंद्र सिंह को यह सम्मान दिया है. किसान नरेंद्र सिंह की इस उपलब्धि के बाद उनके गांव में जश्न का माहौल बना हुआ है. जब नरेंद्र सिंह गांव में खुली जीप से पहुंचे तो ग्रामीणों ने उनका स्वागत ढोल और नगाड़ों से किया।
सब्जियों और फलों की बात की जाएं तो आलू,प्याज, मिर्च, गोभी, मटर, मशरूम और टमाटर की कीमतें लोगों की जेब पर भारी पड़ने लगी हैं. आज आपको एक ऐसी सब्जी के बारे में बताएंगे जिसकी कीमत सुनकर आपको बाकी चीजों की कीमतें काफी कम लगने लगेंगी।
देश में सरकार किसानों की आय को दुगना करने के लिए बहुत प्रयास कर रही है। वहीं इसी दिशा में उत्तर प्रदेश के बांदा कृषि विश्वविद्यालय एवं प्रौद्रयोगिकी ने एक और कदम बढ़ाया है. बता दें इस विश्वविद्यालय में कम समय में अधिक उत्पादन और लंबे समय तक भंडारण किए जा सकने वाले प्याज की नई किस्म को विकसित किया है।
आम खाना चाहते हैं तो आपके मुंह पर मलिहाबाद का नाम सबसे पहले आता है। बता दें मलिहाबाद से दशहरी आम के पेड़ नर्सरी से पूरे देश में निर्यात होते हैं। साथ ही इसकी बागवानी से आमदनी भी अच्छी होती है। फिर भी पिछले-तीन सालों के अंदर मलिहाबाद अपने अमरूदों के लिए देशभर में ख्याति बटोर रहा है।
नेशनल जियोफिजिकल रिसर्च इंस्टिट्यूट के एक हालिया अध्ययन के मुताबिक विश्व भर में भूमिगत जल सबसे अधिक उत्तर भारत से गायब हो रहा है और दिल्ली इस समस्या का केन्द्र है। वहीं आकलनों के अनुसार जल के अभाव के कारण वर्ष 2030 तक जीडीपी में 6 प्रतिशत तक का नुकसान हो सकता है।
मध्य प्रदेश सरकार ने प्याज उत्पादक किसानों को खुशी देने के लिए परिवहन और भंडारण पर भी 75 फीसद सब्सिडी देने का प्रावधान किया है। साथ ही जो भी व्यापारी आठ सौ रुपए प्रति क्विंटल की दर से प्याज खरीदेगा उसे भी भाड़े पर 75 फीसद सब्सिडी मिलेगी।
जाननें में खुशी होती है कि मक्के की खेती भारत के लगभग सभी क्षेत्रों में सफलतापूर्वक हो रही है। वहीं इसे सभी तरह की मिट्टियों में आसानी से उगाया जा सकता है. लेकिन बलुई और दोमट मिट्टी इसकी खेती के लिये बेहतर समझी जाती है. मक्का एक ऐसा अनाज है जो मोटे अनाज की श्रेणी में आता है।
बिहार के किशनगंज जिले के किसान अब आर्थिक रूप से मज़बूती की ओर बढ़ते जा रहे हैं। दरअसल यहां के किसान मक्के की खेती में खास रूचि दिखा रहे हैं। बता दें मक्के की खेती राज्य में हर साल बढ़ती जा रही है।
खाद्य समस्या को ठीक करने के लिए हाईटेक खेती करना बहुत जरुरी है। वहीं इसके लिए उन्नत किस्म के बीज के साथ रासायनिक खाद, जैविक खाद, कीटनाशक तथा पानी की समुचित व्यवस्था के साथ-साथ समय पर कृषि कार्य करने के लिए आधुनिक कृषि यंत्रों का होना बहुत ज़रुरी है।