बात अगर भारत की कहूं तो भारत की सवा अरब जनसंख्या जिसमें से लगभग 70 करोड लोगों के पास फोन है। तकरीबन 25 करोड़ लोगों के पास स्मार्टफोन है और इस 25 करोड़ों लोगों में से 15 करोड़ लोग हर महीने फेसबुक चलाते हैं। तो वहीं 16 करोड़ तो हर महीने व्हाट्सएप पर रहते हैं।
बायोगैस ऊर्जा का एक ऐसा स्रोत है, जिसका बार-बार इस्तेमाल किया जा सकता है। इसका उपयोग घरेलू तथा कृषि कार्यों के लिए भी किया जा सकता है। इसका मुख्य घटक हाइड्रो-कार्बन है, जो ज्वलनशील है और जिसे जलाने पर ताप और ऊर्जा मिलती है।
धान रोपने वाली मशीन की खोज सबसे पहले जापान में हुई थी। फिर पंजाब में सबसे पहले इसका प्रयोग हुआ था। इस मशीन की बनावट काफी ज़्यादा सरल है।
खेती के बारे में जानकारी देने के लिए बहुत सारे एंड्रॉयड ऐप उपलब्ध हैं। जिसमें खेती की तमाम तकनीकी जानकारी किसानों को मुहैया कराई जाती है।
इससे बकरियों की नस्ल में सुधार होगा। ऐसी और भी नई तकनीकों को किसानों तक पहुंचाने के लिए लखनऊ के भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान में 26 अक्टूबर से 28 अक्टूबर तक कृषि कुम्भ 2018 मेले का आयोजन किया गया है।
इज़राइल ने कृषि के क्षेत्र में कुछ ऐसी उन्नत तकनीकों का विकास किया है। जो पूरी दुनिया में कृषि क्षेत्र में क्रांति ला सकती हैं। भारतीय किसान अगर उन्नत तकनीकों का प्रयोग सीख ले तो कृषि के क्षेत्र में एक बड़ी क्रांति की संभावना है।
फ़सल की सुरक्षा के लिए किसान खेत में रसायनों का छिड़काव करते हुए कोई सुरक्षात्मक तरीका नहीं अपनाते हैं। इस कारण वे ज़हरीले पदार्थों के संपर्क में आते हैं। अब भारतीय वैज्ञानिकों ने एक ऐसा सुरक्षात्मक जेल तैयार किया है, जो कीटनाशकों के दुष्प्रभाव से किसानों को बचाने में मददगार साबित हो सकता है। जानिए जेल की ख़ासियत
एक ही पौधे को चारों तरफ से प्लास्टिक से ढक देने की प्रक्रिया को प्लास्टिक मल्चिंग कहते हैं। इसके लिए मार्केट में प्लास्टिक फिल्म उपलब्ध होती है।