शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने कहा कि अयोध्या राम मंदिर का निर्माण कंबोडिया के अंकोरवाट मंदिर की तर्ज पर होना चाहिए..
भगवान विष्णु समेत सभी देवता चार महीने की योग निद्रा से बाहर आते हैं..
देशभर में आज कई हिस्सों में गोवर्धन पूजा की जा रही है। मंदिरों में सजे हैं 56 भोग..
समुद्र मंथन के दौरान कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी के दिन भगवान धन्वंतरि अपने हाथों में अमृत कलश लेकर प्रकट हुए..
मान्यता है कि धनतेरस के दिन भगवान धनवंतरी अपने साथ अमृत का कलश लेकर प्रकट हुए थे..
करवा चौथ व्रत 06 बजकर 27 मिनट से रात 08 बजकर 16 मिनट तक रहेगा..
ज्योतिषाचार्य के मुताबिक करीब 70 साल बाद इस बार रोहिणी नक्षत्र और मंगल का विशेष योग बन रहा है साथ ही इस बार मार्कण्डेय और सत्यभामा योग भी बन रहा है..
देवी अपने तीसरे स्वरूप में राक्षसों का वध करती है..
देवी के 9 स्वरूपों में मां का दूसरा स्वरूप अमोघ फलदायी होता है..
क्या आप जानते है इस बार नवरात्र पर दुर्लभ संयोग बन रहा है। जिसमें सर्वार्थसिद्धि योग और अमृत सिद्धि योग एक साथ..
इंदौर के सांवरे में स्थित इस मंदिर हनुमान जी की सिर के बल खड़ी प्रतिमा की पूजा की जाती है..
2 सितंबर सोमवार को गणेश चतुर्थी के चलते बाज़ार में भगवान गणेश की इको-फ्रेंडली प्रतिमा मिल रही है..
कैसे शुरू हुआ ये रक्षाबंधन का त्यौहार इसके पीछे है माता लक्ष्मी की एक दिलचस्प कहानी..
रुद्राक्ष या इसकी भस्म को धारण करके 'नमः शिवाय' मंत्र का जप करने वाला मनुष्य शिव रूप हो जाता है। जहां रुद्राक्ष की नियमित पूजा होती है वहां सदैव लक्ष्मी का वास होता है..
सावन में आने वाली शिवरात्रि का विशेष महत्व होता है। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन भगवान शिव की पूजा विशेष फलदायी होती है..
भगवान परशुराम ने अपने आराध्य देव शिव के नियमित पूजन के लिए कांवड़ में गंगाजल भरकर महादेव की पूजा-अर्चना की थी..
श्रावण मास भगवान शिव को बेहद प्रिय है इस समय की गई भोले नाथ की पूजा विशेष फलदायी होती है। महामृत्युंजय मंत्र भगवान शिव के मृत्युंजय रूप को समर्पित है..
रुद्राभिषेक करने से हमारी कुंडली के बुरे से बुरे प्रभाव भी समाप्त हो जाते है और शिवभक्ति का उदय भी होता है..
कांवड़ यात्रा 17 जुलाई से शुरू हो रही है, सुरक्षा के मद्देनज़र यात्रा की निगरानी के लिए एटीएस के साथ एनएसजी के जवान भी तैनात किए जाएगें..
यदि आपकी कुंडली मे मंगल ग्रह चौथे, सातवें, आठवें या दसवें भाव में हो तो इसे मंगल दोष कहा जाता है। ऐसे मे ज़रुरी है, की आपके जीवन साथी की कुंडली में भी मंगल दोष हो। अगर ऐसा नहीं है, तो आपके पार्टनर की मौत भी हो सकती है।
अगर पितृ आपके कार्यों से सुखी व संतुष्ट हैं तो आपको इसका विशेष फ़ल मिलता है। आप जिस कार्य को शुरू करते हैं उसी में फ़ायदा होता है। अगर किसी की अकाल मृत्यु हो जाए और मौत के समय यदि कोई इच्छा बाकी रह जाती है तो मृतक पितृ योनि को प्राप्त होता है।
शायद आप ये नहीं जानते होगें की कौरव 101 भाई थे। धृतराष्ट्र का एक और भी बेटा था। कौरव और पांडव के बीच लड़े गये युद्ध में वो सत्य का साथ देते हुए पांडवों की तरफ़ से युद्ध लड़े।
भगवान शिव के पांच रूपों में से एक रूप है अघोर रूप जो हमेशा से लोगों की जिज्ञासा का विषय रहा है। अघोर पंथ हिंदू धर्म का वो संप्रदाय है, जिसका पालन करने वालों को अघोरी कहते हैं।
सनातन धर्म की ऐसी मान्यता है कि धर्म की स्थापना के लिए स्वयं भगवान शिव महर्षि वेदव्यास के रूप में धरती पर आए। साथ ही उन्होंने 18 पुराणों, 18 उप-पुराणों और धार्मिक ग्रंथों की रचना भी की।
वह खुद को परमात्मा वासुदेव और भगवान विष्णु का अवतार मानता था। भगवान श्री कृष्ण को ग्वाला कहता था। पुराणों में इसे नकली कृष्ण का रूप धारण करने के लिए जाना जाता है।
मौत से सबको डर लगता है और आज आधुनिकता के दौर में अचानक होने वाली मृत्यु की संभावना भी बढ़ गई है। हिन्दू धर्म के अनुसार 5 लोग सदियों से जीवित हैं और इन्हीं का जाप करने से आप भी अकाल मृत्यु से बच सकते हैं।