तुलसी को हिंदू धर्म में बेहद पवित्र पौधा माना जाता है। तुलसी का पौधा पवित्र होने के साथ-साथ औषधिय गुणों से भरपूर होता है। रोज़ाना तुलसी के चार से पांच पत्ते खाने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है साथ ही मस्तिष्क के विकार दूर होते है और मस्तिष्क तेज होता है। तुलसी के तेल की एक से दो बूंदे नाक में डालने से पुराने से पुराना सिरदर्द भी गायब हो जाता है और इसके साथ ही सिर से संबंधित दूसरे रोग भी दूर होते हैं। आयुर्वेद के अनुसार तुलसी के तेल को नियमित रुप से चेहरे पर लगाने से चेहरे की रंगत साफ होती है और चेहरे में गज़ब का निखार आता है। तुलसी के पत्तों की गोली बनाकर दांतों के नीचे रखने से दांतों का दर्द दूर होता है।
अगर आप नियमित रुप से तुलसी के रस को पानी में हल्दी और सेंधा नमक के साथ मिलाकर कुल्ला करते हैं तो इससे दांतों में कीड़े और सड़न के विकार दूर होते हैं साथ ही गले के रोग भी दूर होते है। तुलसी के पत्तों का रस को शहद में मिलाकर लेने से सूखी खांसी और अस्थमा की परेशानी से राहत मिलती है। छोटे बच्चों को बार-बार सर्दी-जुकाम की समस्या हो जाती है ऐसे में तुलसी के पत्तों का रस और अदरक के रस की कुछ बूंदों को शहद के साथ मिलाकर देने से बच्चों का सर्दी-जुकाम ठीक हो जाता है। तो अगली बार से आप तुलसी के इन फायदों को जरूर अपनाएं।