इस अनोखे गांव में दूध बैचना है अशुभ... जानें क्यों?


आगरा में कुआ खेड़ा गांव में अधिकतर लोग जानवर पालते हैं। इस गांव की एक अनोखी मान्यता है। दरअसल, यहां के लोग आस-पास के गांवों में दूध दे आते हैं या फिर दान कर देते हैं।

इस अनोखे गांव में दूध बैचना है अशुभ... जानें क्यों?


आगरा में कुआ खेड़ा गांव में अधिकतर लोग जानवर पालते हैं। इस गांव की एक अनोखी मान्यता है। दरअसल, यहां के लोग आस-पास के गांवों में दूध दे आते हैं या फिर दान कर देते हैं। 

बता दें जाटव समुदाय की बहुलता वाले इस गांव में शुक्रवार को विश्व दुग्ध दिवस पर लोगों ने एक-दूसरे से दूध बांटकर दुग्ध दिवस मनाया। यहां लगभग 9,000 लोग रहे हैं और लगभग हर घर में एक गाय ज़रूर है।

गांव वालों के मुताबिक, यहां एक दिन में दुग्ध उत्पादन 30,000 लीटर के आस-पास होता है। कुआ खेड़ा के ग्राम प्रधान राजेंद्र सिंह कहते हैं, 'हम दूध या तो किसी ज़रूरतमंद को दे देते हैं या फिर आपस में बांट लेते हैं। हम दूध बेचते नहीं हैं, क्योंकि हमारे यहां इसे अशुभ माना जाता है। हमने सैकड़ों सालों से दूध नहीं बेचा है। जिसने भी दूध बेचने की कोशिश की है, उसने नुकसान ही उठाया है। कई बार तो गाय मर जाने की भी खबर आई है।'

तो हुई ना हैरानी?  यही नहीं यहां दूध दान करना गर्व की बात मानी जाती है।

रिपोर्ट की मानें तो पास के गांव वाले डेयरी बिजनेस चला रहे हैं और तो और उससे इन्हें काफी कमाई भी हो रही है। वे गांवों और शहरों में दूध और अन्य प्रॉडक्ट बेचते हैं। दूसरी तरफ कुआ खेड़ा के निवासी दूध दान करने में गर्व महसूस करते हैं और कहते हैं कि हम इसके लिए कभी मना नहीं करते हैं। लोगों का कहना है कि वो इस मान्यता को खत्म नहीं करना चाहते हैं।

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