अगर आप घर के पिछवाडे़ में साग-सब्ज़ी उगाना चाहते हैं, तो ये बहुत ही आसान है। साफ जल के साथ रसोई घर और स्नान घर से निकले पानी का उपयोग कर आप घर के पिछवाडे़े में साग-सब्ज़ी उगाने की योजना बना सकते है। सब्ज़ी बगीचा के लिए स्थान घर का पिछवाड़ा होता है।
पौधा लगाने के लिए खेत-
1. सर्वप्रथम 30-40 से.मी. की गहराई तक हल की सहायता से जुताई करें।
2. खेत में अच्छे ढ़ग से निर्मित 100 किग्रा केंचुआ खाद चारों ओर फैला दे।
3. ज़रूरत के अनुसार 45 से.मी. या 60 सेमी की दूरी पर मेड़ या क्यारी बनाएं।
सब्ज़ी बीज की बुवाई और पौध रोपण
1. सब्ज़ी बगीचा मुख्य उध्देश्य अधिकतम लाभ प्राप्त करना है और साल भर घरेलू साग सब्जी की आवश्यकता की पूर्ति करता है।
2. बगीचा के एक छोर पर बारह मासी पौधे को उगाना जाना चाहिए जिससे इनकी छाया अन्य फसलों पर न पडे़ तथा साग सब्ज़ी फसलो को पोषण दे सकें।
3. साधें धुवाई की जाने वाली सब्जी जैसे भिंण्डी, पालक और लोबिंया की बुआई पेड़ या क्यारी बनाकर की जा सकती है।
4. प्याज़, पुदीना, और धनिया को खेत के मेड़ पर उगाया जा सकता है।
5. टमाटर, बैगन, और मिर्ची को एक महीना पूर्व में नर्सरी पेड़ या टूटे मटके में उगाया जा सकता है।
ध्यान देने वाली बातें-
1. किचन गार्डन के एक किनारे पर खाद का गड्डा बनाये जिससे घर का कचरा, पौधों का अवशेष डाला जा सकें जो बाद में खराब खाद के रूप में प्रयोग किया जा सकें।
2. बगीचा की सुरक्षा के लिये कंटीले झाड़ी व तार से बाड़ फेंसिंग लगाये जिसमें लता वाली सब्जी लगायें।
3. सब्ज़ियों एवं पौधों की देखभाल और आने जाने के लिये छोटे-छोटे रास्ते बनायें।
4. सब्ज़ियों के लिए छोटी-छोटी क्यारियां बनायें।
किचन गार्डन के फायदे-
1. घर के चारों और खाली जगह का सदुपयोग हो जाता है।
2. परिवारिक व्यय में बचत होती है।
3. सब्ज़ी खरीदने के लिये जाना नहीं पड़ता।
4. घर के व्यर्थ पानी और कुड़ा का सदुपयोग हो जाता है।