आज के बदलते दौर में जब लोगों के पास एक दूसरे के साथ बैठने का समय ही नहीं है, ऐसे में लोग अपने परिजनों, रिस्तेदारों और दोस्तों से फोन पर ही घंटो बात कर रिस्ते निभाते है,लेकिन क्या आप जानते है कि रोज़ाना आधे घंटे मोबाइल पर बात करना 8 साल में ब्रेन ट्यूमर की आशंका को 400% तक बढ़ा देता है। आज मोबाइल फोन के बिना अब हम अपने जीवन की कल्पना भी नहीं कर पाते। लेकिन क्या आप जानते है कि मोबाइल फोन और मोबाइल टावर से निकलने वाला रेडिएशन आपकी सेहत के लिए कितना खतरनाक साबित हो सकता है। लगातार मोबाइल रेडिएशन के करीब रहने से सिरदर्द, सिर में झनझनाहट, लगातार थकान महसूस करना, चक्कर आना, डिप्रेशन, नींद न आना, आंखों में ड्राइनेस, काम में ध्यान न लगना, कानों का बजना, सुनने में कमी, याददाश्त में कमी, पाचन में गड़बड़ी, अनियमित धड़कन, जोड़ों में दर्द जैसी शिकायतें हो सकती है।
रेडिएशन के खतरनाक दुष्प्रभाव
यहां तक की एक रिसर्च में ये भी सामने आया है कि मोबाइल रेडिएशन से लंबे समय के बाद प्रजनन क्षमता में कमी, कैंसर, ब्रेन ट्यूमर और मिस-कैरेज की आशंका भी हो सकती है। दरअसल, हमारे शरीर में 70 और दिमाग को 90 फीसदी पानी होता है। पानी धीरे-धीरे बॉडी रेडिएशन को अब्जॉर्ब करता है और आगे जाकर सेहत के लिए काफी नुकसानदेह होता है। आई डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के मुताबिक मोबाइल से कैंसर तक होने की आशंका हो सकती है। इंटरफोन स्टडी में कहा गया कि हर दिन आधे घंटे या उससे ज्यादा मोबाइल का इस्तेमाल करने पर 8-10 साल में ब्रेन ट्यूमर की आशंका 200-400 फीसदी तक बढ़ जाती है। अमेरिका के फूड एंड ड्रग्स ऐडमिनिस्ट्रेशन के मुताबिक बच्चों और किशोरों को मोबाइल पर ज्यादा समय तक नहीं रहना चाहिए। स्पीकर फोन या हैंडसेट का इस्तेमाल करना चाहिए, ताकि सिर और मोबाइल के बीच दूरी बनी रहे साथ ही बच्चों और प्रेगनेंट महिलाओं को भी मोबाइल का इस्तेमाल कम करना चाहिए।
रेडिएशन के दुष्प्रभाव से कैसे बचें
रेडिएशन कम करने के लिए अपने फोन के साथ आप रेडिएशन सोखने वाले यंत्र का इस्तेमाल भी कर सकते हैं। रेडिएशन से बचने के लिए रडिएशन शील्ड का इस्तेमाल भी कर सकते हैं। मार्केट में ऐसे कई उपकरण मौजूद हैं। रेडिएशन ब्लॉक ऐप्लिकेशन का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। मोबाइल टॉवरों से दूर ही रहें। अगर घर के बिल्कुल सामने मोबाइल टावर है तो घर की खिड़की-दरवाजे बंद करके रखें। ज्यादा रेडिएशन वाली जगह पर कम समय बिताएं। घर की खिड़कियों पर खास तरह की फिल्म लगा सकते हैं क्योंकि सबसे ज्यादा रेडिएशन ग्लास के जरिए आता है। खिड़की दरवाजों पर शिल्डिंग पर्दे भी लगा सकते हैं। ये पर्दे काफी हद तक रेडिएशन को रोक देते हैं। अगर फोन में कम सिग्नल हैं तो मोबाइल का इस्तेमाल न करें क्योंकि इस दौरान रेडिएशन ज्यादा होता है। पूरे सिग्नल आने पर ही मोबाइल पर बात करें। मोबाइल का इस्तेमाल खिड़की या दरवाजे के पास खड़े होकर या खुले में करना बेहतर है क्योंकि इससे तरंगों को बाहर निकलने का रास्ता मिल जाता है। मोबाइल शरीर से जितना दूर रहेगा, उनका नुकसान कम होगा, इसलिए फोन को शरीर से दूर रखें, रेडिएशन से बचने के लिए स्पीकर फोन या या हैंड्स-फ्री का इस्तेमाल करें। मोबाइल को हर समय जेब में रखकर न घूमें, न ही तकिए के नीचे या बगल में रखकर सोएं क्योंकि मोबाइल हर मिनट टावर को सिग्नल भेजता है। बेहतर है कि मोबाइल को जेब से निकालकर कम-से-कम दो फुट यानी करीब एक हाथ की दूरी पर रखें और सोते हुए भी दूरी बनाए रखें, इन बातों का ध्यान रखते हुए आप मोबाइल फोन की खतरनाक रेडिएशन से खुद को बचा सकते हैं।