नए संसद भवन में आज से संसदीय कार्य शुरू हो गई। सरकार ने इस नए संसद के लोकसभा में पहला बिल “महिला आरक्षण बिल” पेश किया है। इस बिल का नाम “नारी शक्ति वंदन अधिनियम” है। ये 128वां संविधान संशोधन विधेयक है। इस बिल को केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने पेश किया है। इस बिल के माध्यम से संविधान के अनुच्छेद – 239 A A , 330A, 332A, 334A में संशोधन किया जायेगा। इस बिल के माध्यम से लोकसभा और सभी राज्यों के विधान सभा में महिलाओं के लिए 33 % सीटें आरक्षित की गई है |
संविधान के अनुच्छेद – 239 A A के माध्यम से दिल्ली के विधानसभा में महिला को 33 % आरक्षण दिया जायेगा। यानि , अब 70 सदस्यीय दिल्ली विधानसभा में 23 सीटें महिला के लिए आरक्षित हो जाएगी।
संविधान के अनुच्छेद- 330A के तहत लोकसभा में महिलाओं को 33 % आरक्षण दिया जायेगा। यानि, लोकसभा में 181 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित होगी।
संविधान के अनुच्छेद- 332A के तहत सभी राज्यों के विधानसभा में महिलाओं को 33 % आरक्षण दिया जायेगा।
संविधान के अनुच्छेद- 334A के माध्यम से ये आरक्षण 15 साल के लिए रहेगा। अगर सदन चाहेगी तो इसे फिर आगे बढ़ा सकती है।
महिला आरक्षण पर प्रधानमंत्री मोदी ने क्या कहा ?
नए संसद भवन में अपने पहले भाषण में प्रधानमंत्री मोदी ने महिला आरक्षण का जिक्र करते हुए कहा कि इस पवित्र कम के लिए शयद ईश्वर ने मुझे चुना है। नारीशक्ति वंदन अधिनियम के माध्यम से हमारा लोकतंत्र और मजबूत होगा। मैं देश की माताओं, बहनों, बेटियों को नारीशक्ति वंदन अधिनियम के लिए बहुत-बहुत बधाई देता हूं।
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लोकसभा में कांग्रेस के नेता ने क्या कहा ?
लोकसभा में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि डॉ. मनमोहन सिंह जी के समय राज्यसभा में पास हुआ महिला आरक्षण बिल आज तक जीवित है। हमारी CWC की बैठक में भी यह मांग की गई है कि महिला आरक्षण के बिल को पास किया जाए। पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी जी ने महिला आरक्षण बिल के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को पत्र भी लिखा था। हम महिला आरक्षण बिल को पारित करने की अपनी मांग को फिर से दोहराते हैं।
क्या राज्य सभा और विधान परिषद में भी मिलेगा आरक्षण ?
राज्य सभा और राज्यों के विधान परिषद में इस बिल के माध्यम से महिलाओं को कोई आरक्षण नहीं मिलेगा।