अब तक भारत विरोधी गतिविधियों का अड्डा और सूत्रधार पाकिस्तान ही रहा है। कश्मीर में जारी आतंकवाद में पाकिस्तान का हाथ किसी से छुपा नहीं है। अब भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल आतंकी और उग्रवादियों का शरणस्थली पाकिस्तान के साथ-साथ कनाडा भी बन रहा है। इस बात की गवाही पिछले कुछ दिनों की घटना क्रम दे रही है। खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर के हत्याकांड के बाद जिस तरह कनाडा के संसद में वहां के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो निज्जर को कनाडा का नागरिक बताते हुए उसके हत्या में भारतीय एजेंट के शामिल होने की बात कही थी और फिर भारतीय राजनायिक को वापस भेजा था. इससे पता चलता है कि कनाडा की सरकार भारत विरोधी लोगों को संरक्षण दे रही है। भारत में खालिस्तानी आंदोलन का कोई नामो-निशान नहीं है लेकिन कनाडा में बार-बार खालिस्तान की मांग को लेकर आंदोलन होता रहता है और भारत विरोधी नारे लगाए जाते हैं। कई बार तो कनाडा में भारतीय उच्चायोग पर हमला भी कर दिया जाता है और कनाडा की सरकार सुरक्षा देने में विफल रहती है। ऐसे कई लोगों का नाम सामने आया है जो पंजाब में उग्रवाद फैलाते हैं और कनाडा में शरण लिए हुए है। भारत सरकार द्वारा कई बार उन उग्रवादियों का नाम कनाडा सरकार को सौंपा गया है लेकिन कनाडा सरकार उस पर कोई कारवाई नहीं कर रही है।
पाकिस्तान हमेशा से ही भारत की चुनावी राजनीति में एक मुद्दा रहा है। 2019 में पुलवामा में CRPF के काफिले पर हुए हमला के बाद भारत सरकार द्वारा किया गया सर्जिकल स्ट्राइक पुरे देश का मूड बदल दिया था और पुरे चुनाव का नैरेटिव पाकिस्तान पर आ गया था। आगामी विधानसभा और लोकसभा चुनाव में कनाडा का मुद्दा प्रमुख तौर पर रहने की उम्मीद की जा रही है। आगामी चुनाव में पाकिस्तान का मुद्दा नहीं होने का एक कारण और भी है कि पाकिस्तान की टीम विश्व कप में भाग लेने के लिए भारत आई है। आमतौर पर पाकिस्तान से जुड़ा मुद्दा भाजपा द्वारा ही उठाया जाता है। भाजपा आतंकवाद के मुद्दे को लेकर पाकिस्तान के साथ क्रिकेट खेलने के विरोध में रही है। अगर आगामी चुनाव में भाजपा पाकिस्तान का मुद्दा उठाती है तो उसे उलटा भी पर सकता है।
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कनाडा, भारत के साथ घनिष्ठ सम्बन्ध बनाने को लेकर गंभीर: जस्टिन ट्रूडो
भारत और कनाडा के बीच जारी तनाव कम होने के संकेत मिल रहे हैं। भारत के कड़े विरोध के बाद कनाडा के प्रधानमंत्री के रुख में नरमी आई है। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने एक बयान दिया है कि कनाडा भारत के साथ घनिष्ठ सम्बन्ध बनाने को लेकर गंभीर है। जस्टिन ट्रूडो ने कहा है कि भारत एक बढ़ती हुई आर्थिक शक्ति और महत्वपूर्ण भू-राजनीतिक ताकत है। इसके साथ ही ट्रूडो ने कहा कि एक कानून को मानने वाले देश के रूप में भारत को कनाडा का साथ देना चाहिए और जिससे की इस मामले से जुड़े तथ्य सामने आ सके।