बांग्लादेश में आरक्षण विरोधी प्रदर्शन से उपजे हालात के बाद वहां की प्रधानमंत्री शेख हसीना को पीएम पद से इस्तीफा देकर देश छोड़ना पड़ा। वह सोमवार (5 अगस्त) की शाम भारत आ गई। तब से अबतक वह वायुसेना के हिंडन एयरबेस में सेफ हाउस में हैं। शेख हसीना को एनएसए अजित डोवाल ने रिसीव किया और दोनों की बीच लगभग एक घंटे तक बातचीत हुई।
इस मामले पर मंगलवार (6 अगस्त) की सुबह विदेश मंत्री एस जयशंकर ने विपक्षी दलों के नेताओं को संसद भवन में जानकारी दी। आज शाम को साढ़े तीन बजे विदेश मंत्री बांग्लादेश के हालात पर अपनी बात रखेंगे। विपक्षी दलों ने एक आवाज में सरकार का साथ देने का एलान किया है।
भारत पर क्या असर पड़ेगा?
बांग्लादेश के ताजा हालात, भारत के लिए आंतरिक, सीमा सुरक्षा और कूटनीति के स्तर पर चुनौती खड़ा कर दिया है। भारत को बड़े ही सावधानी से ताजा हालात से निपटना होगा। खासकर तब जब बांग्लादेश के इस हालात के पीछे अमेरिका और पाकिस्तान का हाथ हो। भारत ने सावधानी बरतते हुए बांग्लादेश और भारत के बीच चलने वाली ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है। सीमा पर अधिक सुरक्षा बढ़ा दिया गया है।
भारत और बांग्लादेश का सीमा 4096 किमी का
भारत और बांग्लादेश की सीमा 4096 किलोमीटर का लगती है। भारत के पांच राज्य बांग्लादेश के साथ सीमा साझा करते हैं। पश्चिम बंगाल (2217 किमी), त्रिपुरा (856 किमी), मेघालय (443 किमी), मिजोरम (318 किमी) और असम (262 किमी) की सीमा शेयर करती है। यहाँ घुशपैठ होने की आशंका है। यहां BSF को अलर्ट मोड पर रखा गया है। बीएसएफ के डीजी दो दिन से पश्चिम बंगाल में डटे हुए हैं।
सीमा पर एक और फ्रंट खुल सकता
भारत अभी सीमा पर पाकिस्तान और चीन से जूझ रहा है। आशंका है कि भारत के खिलाफ एक और फ्रंट खुल सकता है। इस आशंका के पीछे का कारण भारत के खिलाफ बांग्लादेश में उभरा सेंटीमेंट है। वहां पर कई बार भारत के खिलाफ खिलाफ नारे और विरोध प्रदर्शन हो चुके हैं। वहां की मुख्य विपक्षी पार्टी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) इस्लामी कट्टरपंथी पार्टी जमात-ए-इस्लामी के साथ गठबंधन में है। जमात-ए-इस्लामी हिन्दू के साथ ही भारत विरोधी भी है। शेख हसीना ने पीएम रहते हुए इस पर बैन भी लगाया था।
भारत में शेख हसीना के रुकने से बांग्लादेश में बनने वाली अगली सरकार के साथ भारत के रिश्ते अच्छे नहीं होंगे। क्यूंकि बांग्लादेश में बनने वाली अगली सरकार में बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) के साथ इस्लामी कट्टरपंथी पार्टी जमात-ए-इस्लामी की भी महत्वपूर्ण भूमिका होगी।
बांग्लादेश में रह रहे हिन्दुओं और भारतीयों की सुरक्षा
बांग्लादेश में विरोध प्रदर्शन कर रहे लोग वहां के हिंदुओं और मंदिरों को निशाना बना रहे हैं। बांग्लादेश की कुल आबादी का 8 प्रतिशत हिन्दू है जिसकी कुल जनसंख्या एक करोड़ 30 लाख है। वहीं विदेश मंत्रालय के अनुसार लगभग 13000 भारतीय वहां रह रहे हैं। जिनकी सुरक्षा की चिंता भारत सरकार को है। भारत सरकार ने उन्हें अपने घरों में रहने को कहा है। वहीं जरुरत पड़ने पर एयरलिफ्ट भी किया जाएगा।
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आंतरिक सुरक्षा
हिन्दुवों पर बांग्लादेश में हो रहे हमले के कारण उनका भारत में पलायन करने के चांस हैं। भारत और बांग्लादेश कई जगह खुला बॉर्डर साझा करता है। हिन्दुओं के साथ अराजक तत्वों का भी भारत में घुशपैठ हो सकता है। जो यहां आकर माहौल बिगाड़ सकते हैं। वैसे भी बांग्लादेश के इस हालात के पीछे पाकिस्तानी ISI का हाथ है। उसके कुछ एजेंट भारत में आकर उत्तर-पूर्वी भारत का माहौल बिगाड़ सकते हैं। वैसे भी भारत अभी मणिपुर के हालात से उबर नहीं पाया है।