दुबई में खेले गए चैंपियंस ट्रॉफी की जीत के बाद देशभर में जश्न का माहौल था। भारतीय क्रिकेट टीम के प्रशंसक भारत की इस ऐतिहासिक जीत को लेकर सड़कों पर उतरे और खुशी का इज़हार किया। लेकिन इस जश्न के दौरान कई स्थानों पर पुलिस की कार्रवाई और विवादों की खबरें भी आईं।
तेलंगाना में लाठीचार्ज का आरोप
भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) ने आरोप लगाया है कि तेलंगाना पुलिस ने हैदराबाद के दिलसुखनगर इलाके में जश्न मना रहे लोगों पर लाठीचार्ज किया। भाजपा के आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने इसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए सवाल उठाया। उन्होंने लिखा, “हैदराबाद पुलिस ने नागरिकों को चैंपियंस ट्रॉफी जीत का जश्न मनाने से रोकने के लिए लाठीचार्ज किया। करीमनगर में भी इसी तरह के दृश्य देखे गए। क्या कांग्रेस शासित राज्यों में यह नई चाल है? वे वास्तव में किसे खुश करने की कोशिश कर रहे हैं?” भाजपा ने कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि भारतीयों को अपने देश की जीत का जश्न मनाने का अधिकार होना चाहिए।
महू में झड़प और हिंसा
चैंपियंस ट्रॉफी में भारत की जीत के बाद मध्य प्रदेश के महू शहर में भी जश्न के दौरान दो गुटों के बीच झड़प हो गई। यह घटना महू के जामा मस्जिद के पास हुई, जहां जीत का जुलूस निकाल रहे लोग दूसरे गुट से टकरा गए। विवाद इतना बढ़ गया कि पत्थरबाजी शुरू हो गई और उपद्रवियों ने दो दुकानों में आग लगा दी और दो गाड़ियों को नुकसान पहुंचाया। इस हिंसक घटना के बाद पुलिस ने स्थिति को काबू में करने के लिए अतिरिक्त बल तैनात किया।
नागपुर में भी पुलिस की कार्रवाई
नागपुर में भी चैंपियंस ट्रॉफी जीत का जश्न मना रहे लोग सड़कों पर उतरे। यहां भीड़ इतनी बढ़ गई थी कि पुलिस को नियंत्रण करने के लिए सड़कों पर उतरना पड़ा। सड़कों पर वाहनों की लंबी कतारें और हर्षोल्लास के बीच पुलिस ने शांति बनाए रखने की कोशिश की। हालांकि, इस दौरान कोई बड़ी हिंसक घटना की रिपोर्ट नहीं आई।
इन घटनाओं के बीच सवाल उठने लगे हैं कि क्या ऐसे जश्न मनाने के दौरान पुलिस की कड़ी कार्रवाई जरूरी थी या फिर यह राजनीतिक कारणों से की गई। अब देखना यह है कि इस मामले पर कांग्रेस और भाजपा के बीच और क्या बयानबाजी होती है।