वन नेशन वन इलेक्शन के प्रस्ताव को मोदी कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ प्रस्ताव पर कैबिनेट ने बुधवार यानि आज मुहर लगा दी है। आज मोदी कैबिनेट ने बैठक में ये ऐतिहासिक फैसला लिया है।
सूत्रों के अनुसार, दोपहर 3 बजे मोदी कैबिनेट की मीटिंग में लिए गए फैसले पर ब्रीफिंग दी जाएगी।
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क्या है ‘वन नेशन वन इलेक्शन’?
देश में काफी समय से ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ की चर्चा हो रही थी। वन नेशन-वन इलेक्शन का मतलब है कि देश में लोकसभा और सभी राज्यों के विधानसभा चुनाव एक साथ कराए जाएंगे। इसके अलावा स्थानीय निकायों के चुनाव भी एक ही दिन या एक तय समय सीमा में कराए जाएंगे। ये कॉन्सेप्ट इसलिए लाया गया ताकि चुनावों में खर्च कम हो और प्रशासनिक मशीनरी पर बोझ न बढ़े।
क्या है फायदे और नुकसान ?
ये होंगे फायदे..
- एक साथ चुनाव कराने से चुनावी खर्च में कटौती होगी।
- प्रशासन और सुरक्षा बलों पर चुनावी ड्यूटी का बोझ भी कम होगा।
- सरकारें बार-बार चुनावी चर्चा करने के बजाय विकास कार्यों पर ध्यान देंगी।
- एक ही दिन में चुनाव होने से जनता में अधिक उत्सुकता रहेगी।
ये हो सकती हैं चुनौतियां
- वन नेशन-वन इलेक्शन लागू करने के लिए संविधान में संशोधन करना पड़ेगा, जो सबसे बड़ी चुनौती है।
- संवैधानिक बदलाव जरूरी है, क्योंकि राज्य विधानसभाओं का कार्यकाल लोकसभा से मैच नहीं होता। इन्हें एक साथ लाने के लिए संवैधानिक बदलाव जरूरी है।
- ईवीएम और वीवीपैट मशीनों की संख्या भी बढ़ानी होंगी।