राहुल गांधी ने भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान कहा कि पिछले साल हमने कन्याकुमारी से कश्मीर तक यात्रा की, 4,000 किलोमीटर चले और लाखों लोग साथ चले। सेल्फी का जमाना है, तो हर रोज हजारों लोगों के साथ सेल्फी होती थी, बातचीत होती थी और उस यात्रा का लक्ष्य था कि जो देश में भाई को भाई से लड़ाया जा रहा है, धर्म को धर्म से लडाया जा रहा है, जाति को, प्रदेश को, सबको बांटा जा रहा है, उसके खिलाफ खड़े होने का लक्ष्य था और यात्रा में बहुत अच्छा मैसेज भेजा और उससे मुझको भी दो-तीन बातें समझ आई। पहली बात ये कि ये देश मोहब्बत का है, ये नफरत का है ही नहीं और अगर नफ़रत फैलती है और फैलाई जाती है, तो उसका कारण अन्याय है। अगर देश में अन्याय बढ़ता है, तो लोगों को डर लगता है, डर लगता है, तो उनको लड़ाना बहुत आसान हो जाता है। इसलिए हमने दूसरी यात्रा में न्याय शब्द जोड़ दिया और इस यात्रा को ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ का नाम दिया गया और आज मैं आपको दो-तीन तरीके के अन्याय के बारे में बोलना चाहता हूं।
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आर्थिक अन्याय, सामाजिक अन्याय और ये कैसे किया जाता है, नुकसान आपका होता है। अन्याय से अडानी का तो कुछ नुकसान नहीं हो रहा ना। तो सबसे पहला सवाल हिंदुस्तान का जो बजट है, इसमें पैसा जो आता है, करोड़ों रुपए आता है, अरबों रुपया आता है, ये कहाँ से आता है? जीएसटी का डिजाइन क्या है – जितना अमीर व्यक्ति है, उतना फायदा उसको जीएसटी से होता है और जितना गरीब है, उतना नुकसान उसको होता है। इसको रिग्रेसिव टैक्सेशन कहते हैं अंग्रेजी में। रिग्रेसिव टेक्सेशन मतलब जो सबसे कमजोर होता है, उस पर सबसे ज्यादा बोझ पड़ता है और जो सबसे मजबूत होता है, उस पर सबसे कम बोझ पड़ता है। तो जीएसटी का लक्ष्य आप समझिए- गरीबों की जेब से पैसा निकालना और अमीरों की जेब में पैसा डालना है जीएसटी का लक्ष्य।
राहुल गांधी ने आगे कहा कि हिंदुस्तान में पिछड़े वर्ग की आबादी कितनी है? देखो मैंने सवाल पूछा और एग्जैक्ट जवाब कोई नहीं दे पा रहा, कोई 56 कहेगा, कोई कहेगा 50, कोई कहेगा 40, कोई कहेगा 65, मगर सही जवाब नहीं दे पा रहे हो, उसका कारण है। सुनिए, सही जवाब कोई नहीं दे सकता। अगर आपने मुझसे पूछा तो मैं भी नहीं दे सकता, क्यों, क्योंकि जाति जनगणना नहीं हुई। मतलब देश का एक्सरे नहीं हुआ है, इसलिए जब हम ये सवाल पूछते हैं, कोई कहता है- 55,50,60, मगर मान कर चलते हैं 50 प्रतिशत, तकरीबन 50 प्रतिशत ओबीसी हैं। दलित कितने हैं, दलित की आबादी लोगों को मालूम है – 15 प्रतिशत है। आदिवासियों की आबादी लोगों को मालूम है – 8 प्रतिशत- 9 प्रतिशत कह लो। तो मुझे बताओ, 50 और 15 कितने हुए- 65 और 65 और 8, 73 हो गए। तो तकरीबन 75 प्रतिशत आबादी इन लोगों की है और अभी मैंने माइनॉरिटी की बात नहीं की। वहाँ भी 10-15 प्रतिशत है। मगर अभी हम 75 प्रतिशत की बात करते हैं। तो 75 प्रतिशत जीएसटी देता है। सबसे ज्यादा जीएसटी देता है। उसमें आप 5,7,8 प्रतिशत गरीब जनरल कास्ट के लोग जोड़ लो, वो भी देते हैं। तो सब मिलाकर ये तकरीबन 90 प्रतिशत हो गए।
राहुल गांधी ने कहा कि अब देश में सबसे बड़ा मुद्दा कौन सा है, बेरोजगारी। दूसरे नंबर पर कौन सा है – महंगाई। पहले नंबर पर बेरोजगारी, दूसरे नंबर पर महंगाई। तीसरे नंबर पर भ्रष्टाचार। तो मुझे बात समझाओ भईया, कि मीडिया में 24 घंटे अंबानी जी की शादी के बारे में क्यों बातचीत चल रही है? मुझे ये समझा दो या फिर टीवी देखोगे, तो आपको बॉलीवुड के स्टार दिखाई देंगे या फिर कभी आपको क्रिकेट के बारे में बोलेंगे, मगर जो आपके मुद्दे हैं, 75 प्रतिशत के मुद्दे, उस पर कुछ बोलेंगे नहीं। क्यों, क्योंकि आपका मीडिया पर कोई कंट्रोल नहीं है। मीडिया पांच, सात प्रतिशत की है।
नरेंद्र मोदी जी कहते हैं -भारत माता की जय। भारत माता है क्या, भारत माता आप लोग हो। 75 प्रतिशत दलित, आदिवासी, पिछड़े, जैसे आपने बोला भारत माता की जय। उसका 75 प्रतिशत दलित, आदिवासी, पिछड़ा। उसमें गरीब जनरल कास्ट के जोड़ दो 5 प्रतिशत, 7 प्रतिशत, तो आप भारत माता की जय में हो कहाँ? आपसे रोज कराते हैं, जन गण मन आप गाते हो, झंडे को सैल्यूट देते हो। मगर आपके लोग हैं कहाँ? मैं बताता हूं-मनरेगा की लिस्ट निकालो, मजदूरों की लिस्ट निकालो, वहाँ आपको मिल जाएंगे। कॉन्ट्रैक्ट लेबर की लिस्ट निकालो, वहाँ आपको मिल जाएंगे। ये जो सड़क बना रहे हैं, हाईवे बना रहे हैं, भूखे-नंगे हैं, इनकी लिस्ट निकालो। इसमें आपको गरीब जनरल कास्ट का मिलेगा, पिछड़े लोग मिलेंगे, दलित, आदिवासी मिलेंगे।
10 साल में नरेन्द्र मोदी जी ने 16 लाख करोड़ रुपए माफ किया है, 20-25 लोगों का। मतलब 20-25, ज्यादा से ज्यादा 50 लोगों का 16 लाख करोड़ रुपया। भईया 16 लाख करोड़ रुपयों में मनरेगा कितने साल के लिए चलेगी। 24 साल, कितना-24 साल मनरेगा का पैसा नरेन्द्र मोदी जी ने 20-25 लोगों को दे दिया और फिर नाम बताऊं। वो ही हैं अडानी, अंबानी, वो ही हैं।
अब 20-25 साल का पैसा दे दिया और फिर नरेन्द्र मोदी जी पार्लियामेंट में खड़े होकर कहते हैं कि मनरेगा बिल्कुल बेकार योजना है, इससे आदत खराब होती है। तो मेरा सवाल है कि जब काम करने के लिए गरीब को 65,000 करोड़ रुपया दिया जाता है तो फिर उसकी आदत खराब हो रही है ।