बॉलीवुड की दिग्गज अभिनेत्री और मंसूर अली खान पटौदी की पत्नी, शर्मिला टैगोर ने पटौदी ट्रॉफी को रिटायर करने के प्रयास पर अपना सख्त रुख अपनाया है। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) और इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ECB) के बीच ट्रॉफी को रिटायर करने की चर्चा के बीच शर्मिला टैगोर ने खुलकर अपनी नाराज़गी जताई है।
पटौदी ट्रॉफी का इतिहास
‘पटौदी ट्रॉफी’ की शुरुआत 2007 में हुई थी, जो भारत और इंग्लैंड के बीच खेले जाने वाले टेस्ट मैचों की श्रृंखला के दौरान मंसूर अली खान पटौदी की क्रिकेट विरासत को सम्मानित करने के लिए बनाई गई थी। यह ट्रॉफी उनके योगदान और क्रिकेट के प्रति उनके जुनून की याद दिलाती है, जो हमेशा क्रिकेट प्रेमियों के दिलों में जीवित रहेगा।
शर्मिला टैगोर की प्रतिक्रिया
हिंदुस्तान टाइम्स से बात करते हुए शर्मिला टैगोर ने कहा, “मुझे ईसीबी से एक पत्र मिला है जिसमें बताया गया है कि वे पटौदी ट्रॉफी को रिटायर करने के बारे में सोच रहे हैं। मैंने उनसे इस पर कोई बातचीत नहीं की है, लेकिन यह पत्र सैफ को भेजा गया है। अगर बीसीसीआई टाइगर (मंसूर अली खान पटौदी) की विरासत को याद रखना चाहता है या नहीं, तो यह उनका निर्णय है।”
परिवार और क्रिकेट जगत में चर्चा
शर्मिला टैगोर के इस बयान ने क्रिकेट जगत और उनके प्रशंसकों के बीच हलचल मचा दी है। पटौदी परिवार के लिए यह ट्रॉफी न केवल एक सम्मान है बल्कि मंसूर अली खान पटौदी के क्रिकेट करियर और उनकी विरासत का प्रतीक भी है। क्रिकेट प्रेमी अब उम्मीद कर रहे हैं कि बीसीसीआई इस ट्रॉफी को रिटायर करने के फैसले पर पुनर्विचार करेगा।
बीसीसीआई और ईसीबी के बीच बातचीत
रिपोर्ट्स के अनुसार, बीसीसीआई और ईसीबी के बीच पटौदी ट्रॉफी को लेकर बातचीत चल रही है। हालांकि, इस पर कोई आधिकारिक बयान अभी तक नहीं आया है। क्रिकेट बोर्ड्स के बीच इस ट्रॉफी को लेकर मतभेदों के कारण प्रशंसकों और परिवार के सदस्यों में निराशा देखी जा रही है।
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पटौदी ट्रॉफी को रिटायर करने की खबर ने क्रिकेट प्रेमियों और मंसूर अली खान पटौदी के परिवार को चौंका दिया है। शर्मिला टैगोर का बयान इस मुद्दे को और भी उजागर करता है, जिससे यह सवाल उठता है कि क्या क्रिकेट बोर्ड्स को उनकी विरासत को सम्मान देना चाहिए या नहीं।