केंद्र सरकार द्वारा 18 से 22 सितंबर तक प्रस्तावित संसद के विशेष सत्र के लिए एजेंडा जारी कर दिया गया है। बुधवार की देर रात को जानकारी देते हुए सरकार ने बताया है कि सत्र के पहले दिन लोकसभा और राज्यसभा में 75 सालों के संसदीय यात्रा पर चर्चा होगी। वहीं सरकार ने बताया है कि सत्र के दौरान चार विधेयकों को भी दोनों सदनों में पेश किया जाएगा।
18 सितम्बर से शुरू हो रहा है संसद का सत्र।
सत्र के पहले दिन संविधान सभा से शुरू हुई 75 वर्षों की संसदीय यात्रा की उपलब्धियों, अनुभवों और इससे मिली सीख पर चर्चा की जाएगी। #LokSabha #RajyaSabha pic.twitter.com/fW31L3bQRY
— SansadTV (@sansad_tv) September 13, 2023
लोकसभा में अधिवक्ता (संशोधन) विधेयक 2023 और प्रेस और आवधिक पंजीकरण विधेयक 2023 को लोकसभा में पेश किया जायेगा। इस दोनों विधेयक को संसद के मानसून सत्र में राज्यसभा से पारित किया जा चूका है। वहीं राज्यसभा में 10 अगस्त को डाकघर विधेयक, 2023 व मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्त (नियुक्ति, सेवा की शर्तें और कार्यालय की अवधि) विधेयक, 2023 पेश किए गए थे, जिन पर अब विशेष सत्र के दौरान चर्चा होगी।
केंद्र सरकार द्वारा एजेंडा जारी किये जाने पर कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि सरकार को सोनिया गांधी द्वारा लिखे गए पत्र के दवाब में आकर विशेष सत्र का एजेंडा जारी करना पड़ा। कांग्रेस नेता ने कहा कि सरकार द्वारा प्रकाशित एजेंडा में ऐसा कुछ भी नहीं है। इसके लिए संसद के शीतकालीन सत्र का इंतजार किया जा सकता था। जयराम रमेश ने कहा कि उन्हें यकीन है कि हमेशा की तरह कुछ नए मुद्दे सरकार अंत में जरूर लाएगी। परदे की पीछे कुछ और है।
Finally, after pressure from Smt. Sonia Gandhi's letter to the Prime Minister, the Modi Govt has condescended to announce the agenda for the special 5-day session of Parliament beginning September 18th.
The agenda as published at the moment, is much ado about nothing — all this… pic.twitter.com/1y1U6bqkBH
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) September 13, 2023
विपक्ष की तरफ से पहले ही एजेंडा जारी किया जा चूका है
सोनिया गांधी ने 6 सितम्बर को प्रधानमंत्री को पत्र लिख कर 9 मुद्दे उठाए थें जिस पर संसद के विशेष सत्र में चर्चा की मांग की थी।
सोनिया गांधी द्वारा उठाए गए मुद्दे
आवश्यक वस्तुओं की बढ़ती कीमतों को ध्यान में रखते हुए वर्तमान आर्थिक स्थिति पर एवं बढ़ती बेरोजगारी, असमानताओं में वृद्धि और एमएसएमई का संकट पर।
बाढ़ और सूखे से प्रभावित राज्य ।
भारतीय सिमा में चीन की चुनौती पर चर्चा
हरियाणा और कई राज्यों में साम्प्रदयिक तनाव
मणिपुर के लोगों कि समस्याओं पर चर्चा हो।
अडानी मामलों में JPC का गठन हो।
केंद्र एवं राज्यों के गिरते संबंधों पर चर्चा हो।
MSP और किसान संगठनों के मांगों पर चर्चा हो।
जाति जनगणना की तत्काल आवश्यकता।