केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद से जम्मू-कश्मीर में हुए सर्वांगीण विकास पर प्रकाश डाला और कश्मीरी युवकों से यह सुनिश्चित करने की अपील की कि वे पत्थर उठाने के बजाय कलम और लैपटॉप साथ रखें। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि कश्मीर एक ऐसी भूमि है, जिसने अतीत में रक्तपात का दंश झेला है और विजयी होकर अधिक स्थिर एवं शांतिपूर्ण बनकर उभरी है। शाह ने यहां तीन-दिवसीय वितस्ता महोत्सव के उद्घाटन के बाद एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि जो लोग जम्मू-कश्मीर का केवल पिछले चार दशक का इतिहास जानते हैं, वे सोचते हैं कि यह एक विवादित या अशांत क्षेत्र है।
उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन कश्मीर एक ऐसी भूमि है, जिसने अतीत में रक्तपात का दंश झेला है और विजयी होकर अधिक स्थिर एवं शांतिपूर्ण बनकर उभरी है।”
उन्होंने कहा कि इस भूमि ने पिछले तीन से चार दशक में आतंकवाद के कारण लगभग 40,000 मौतें देखी हैं, लेकिन आज वही कश्मीर वितस्ता महोत्सव मना रहा है और आगे बढ़ रहा है।
गृहमंत्री ने इस अवसर पर कश्मीर के युवाओं से घाटी की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के बारे में सोचने का आह्वान किया।उन्होंने कश्मीरी संस्कृति की तुलना वितस्ता (झेलम) नदी से की और कहा, “अगर कोई कश्मीर का सही इतिहास जानता है, तो नफरत कभी उसका हिस्सा नहीं रही है. जो भी कश्मीर आया उसका खुले दिल से स्वागत किया गया।