महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना, मनरेगा के तहत ग्रामीण भारत में रोजगार मांगने वालों की संख्या में वृद्धि हुई है। भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए यह चिंताजनक खबर है। इस मुद्दे पर मनरेगा से जुड़े अधिकारी ने बताया की महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के लिए 2024 में जो बजट आवंटित किया गया था उसका 93 प्रतिशत हिस्सा पहले ही खर्च किया जा चूका है। आने वाले दिनों में इस वित्त वर्ष में मनरेगा योजना को चलाने के लिए फण्ड की कमी हो सकती है। सरकार ने 23-24 वित्त वर्ष में 60,000 करोड़ रूपये का बजट आवंटन किया था लेकिन पुरे वित्त वर्ष इस योजना को चलाने के लिए सरकार को और फण्ड देना पर सकता है। मनरेगा के अंतर्गत ग्रामीण भारत में रोजगार मांगने वालों की संख्या बढ़ना बताती है कि शहरों में काम करने वालों की मांग में कमी आई है।
मनरेगा का फण्ड न मिलने के कारण पश्चिम बंगाल सरकार और भारत सरकार आमने-सामने
मनरेगा का फण्ड ने मिलने के कारण पश्चिम बंगाल सरकार और भारत सरकार आमने-सामने है। पश्चिम बंगाल सरकार ने केंद्र पर आरोप लगाया है कि केंद्र सरकार मनरेगा का फण्ड ने दे रही है। इस मुद्दे पर पिछले दिनों तृणमूल सांसद और पश्चिम बंगाल के मंत्री और कार्यकर्त्ता दिल्ली में धरना दिया था। उसके बाद पश्चिम बंगाल में भी जगह-जगह विरोध प्रदर्शन किया गया। वहीं केंद्र सरकार का इस मुद्दे पर कहना है कि निर्देशों का पालन न करने के कारण पश्चिम बंगाल सरकार का रुपया रोका गया है। फण्ड की कोई कमी नहीं है।
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मोदी सरकार ने मनरेगा के बजट में 33% कटौती की थी: कांग्रेस अध्यक्ष खरगे
मनरेगा में काम मांगने वालों की संख्या बढ़ने पर कांग्रेस अध्यक्ष एवं राज्य सभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि ग्रामीण भारत में आर्थिक संकट इतना गहरा है कि सितंबर में मनरेगा की डिमांड 4 वर्षों में 30% बढ़ गई है। प्रधानमंत्री जी, इस बारे में कुछ करने के बजाय अपनी विकराल विफलताओं को भाषण तले छिपाने के लिए, चुनावी राज्यों में कांग्रेस को कोस रहें हैं। बेतहाशा घटती घरेलू आमदनी और महँगाई की मार से करोड़ों लोग मनरेगा में काम की तलाश में दर-दर भटकने को मजबूर हैं। हालत ये है कि मनरेगा के बजट का केवल 4% फंड ही बचा है। देश को याद है कि बजट 2023 में मोदी सरकार ने मनरेगा के बजट में 33% कटौती की थी, जिसका परिणाम ग़रीब परिवार भुगत रहें हैं, विपक्ष शासित राज्यों का फंड भी बक़ाया है। कांग्रेस को जितना चाहे बुरा-भला कहिये, ग़रीबों का अधिकार मत छीनिए।
ग्रामीण भारत में आर्थिक संकट इतना गहरा है कि सितंबर में मनरेगा की डिमांड 4 वर्षों में 30% बढ़ गई है।
प्रधानमंत्री जी, इस बारे में कुछ करने के बजाय अपनी विकराल विफलताओं को भाषण तले छिपाने के लिए, चुनावी राज्यों में कांग्रेस को कोस रहें हैं।
बेतहाशा घटती घरेलू आमदनी और महँगाई की… pic.twitter.com/b4Xa5GAXTS
— Mallikarjun Kharge (@kharge) October 6, 2023