जम्मू-कश्मीर में ‘जल जीवन योजना’ के तहत 13,000 करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार का आरोप कांग्रेस ने लगाया है। कांग्रेस के मीडिया एवं प्रचार विभाग के अध्यक्ष पवन खेड़ा ने कहा कि यहां G-20 की आड़ में LG-420 को छिपाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जब अशोक परमार नाम के IAS अफसर इस गबन को सामने लाते हैं, तो उनका साल में 4-5 बार ट्रांसफर और LG द्वारा अपमान किया जाता है। वहीं अशोक परमार, जिन भ्रष्टाचारी अधिकारियों के नाम लेते हैं, उन्हें प्रमोशन दिया जा रहा है।
कांग्रेस ने आरोप लगाया कि जो अधिकारी जम्मू-कश्मीर में ‘जल जीवन योजना’ के भ्रष्टाचार में शामिल हैं, उन्हें प्रमोशन दिया जाता है और जो इसकी जानकारी सार्वजनिक करते हैं, उन्हें प्रताड़ित किया जाता है। अनियमितताएं बाहर न आए, उसके लिए योजनाओं को बांट दिया जाता है। इसके साथ ही कंपोजिट टेंडर की प्रथा को अनदेखा कर दिया जाता है।
कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में ‘जल जीवन मिशन’ घोटाले में दो राजनीतिक लोगों पर शक की सुई जाती है। उनमें पहला नाम LG मनोज सिन्हा का है, वहीं दूसरा नाम मोदी सरकार में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत का है। केंद्रीय मंत्री पर शक की सुई इसलिए जाती है क्योंकि उन्होंने एक ‘व्हिसलब्लोवर’ को सजा दी और भ्रष्टाचार के आरोपों में लिप्त नामजद अधिकारियों को बचाया।
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कांग्रेस के सवाल
– मोदी सरकार, 13,000 करोड़ के घोटाले को सामने लाने वाले IAS अधिकारी को सजा दे रही है, लेकिन इस पूरे कांड की बड़ी मछली कौन है?
– गृह मंत्रालयों में शिकायत और CBI जांच की मांग के बावजूद जल जीवन मिशन में हुई अनियमितताओं में जांच के आदेश क्यों नहीं दिए गए?
– एक दलित IAS अधिकारी, जो राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग को भी अपनी समस्या बताता है, लेकिन आजतक LG मनोज सिन्हा को तलब क्यों नहीं किया गया?
– मोदी सरकार ने अशोक परमार पर झूठे आरोप लगाए कि वो कॉन्ट्रैक्ट समिति के प्रमुख बनना चाहते थे, लेकिन इसके कोई लिखित सबूत नहीं है। आपको ‘उल्टा चोर कोतवाल को डांटे’ की आदत क्यों है?