आज बिहार की राजधानी पटना में विपक्षी दलों की महाबैठक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मुख्यमंत्री निवास पर हुई। इस बैठक में आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा के खिलाफ कैसे एकजुट हुआ जाय और विपक्षी दलों के बीच कैसे बेहतर समन्वय बनाया जाय एवं आगे की रणनीति पर चर्चा हुई। विपक्ष की अगली बैठक 12 जुलाई को शिमला में होने की संभावना है।
इस महाबैठक के ख़त्म होने के बाद प्रेस को सम्बोधित करते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि सभी ने मिलकर चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है। अगली बैठक में कौन कहां से कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेगा इस मुद्दे पर चर्चा हुई।
प्रेस को सम्बोधित करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि सभी नेतागण एक होकर चुनाव लड़ने का एजेंडा तैयार कर रहे हैं। हम सभी जल्दी ही शिमला में मिलेंगे, जहां आगे के लिए निर्णय लिया जाएगा। हम एकजुट होकर 2024 की लड़ाई लड़ेंगे और BJP को सत्ता से हटाकर लोकतंत्र की रक्षा करेंगे। वहीं कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि सभी नेतागण एक होकर चुनाव लड़ने का एजेंडा तैयार कर रहे हैं। हम सभी जल्दी ही शिमला में मिलेंगे, जहां आगे के लिए निर्णय लिया जाएगा। हम एकजुट होकर 2024 की लड़ाई लड़ेंगे और BJP को सत्ता से हटाकर लोकतंत्र की रक्षा करेंगे।
https://twitter.com/INCIndia/status/1672207233684209667
जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती ने कहा कि हम गांधी के मुल्क को गोडसे का मुल्क नहीं बनने देंगे।
इस अवसर पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा की पटना में जो कुछ भी शुरू होता है वह जन आंदोलन के रूप में उभरता है. हमने दिल्ली में कई बैठकें कीं लेकिन कोई सार्थक नतीजा नहीं निकला. इसीलिए मैंने कहा कि शुरुआत पटना से करो. तीन चीजें सुलझा ली गई हैं. हम एकजुट हैं, हम एकजुट होकर लड़ेंगे और हमारी लड़ाई को विपक्ष की लड़ाई नहीं कहा जाना चाहिए, बल्कि भाजपा की तानाशाही और उनके काले कानूनों के खिलाफ लड़ाई कहा जाना चाहिए।
इस अवसर पर लालू यादव ने कहा कि मैं पूरी तरह से फिट हो गया हूं और अब नरेंद्र मोदी को फिट करना है। साथ ही लालू यादव ने महंगाई और बेरोजगारी का भी मुद्दा उठाया।
इस महाबैठक में 15 दलों के 27 नेता शामिल हुए हैं. इन नेताओं के नाम नीतीश कुमार (जेडीयू), ममता बनर्जी (एआईटीसी), एमके स्टालिन (डीएमके), मल्लिकार्जुन खड़गे (कांग्रेस), राहुल गांधी (कांग्रेस), अरविंद केजरीवाल (आप), हेमंत सोरेन (झामुमो), उद्धव ठाकरे (एसएस-यूबीटी), शरद पवार (एनसीपी), लालू प्रसाद यादव (राजद), भगवंत मान (आप), अखिलेश यादव (सपा), केसी वेणुगोपाल (कांग्रेस), सुप्रिया सुले (एनसीपी), मनोज झा (राजद), फिरहाद हकीम (एआईटीसी), प्रफुल्ल पटेल (एनसीपी), राघव चड्ढा (आप), संजय सिंह (आप), संजय राऊत (एसएस-यूबीटी), ललन सिंह (जेडीयू),संजय झा (राजद), सीताराम येचुरी (सीपीआईएम), उमर अब्दुल्ला (नेकां), टीआर बालू (डीएमके), महबूबा मुफ्ती (पीडीपी), दीपंकर भट्टाचार्य (सीपीआईएमएल)तेजस्वी यादव (राजद), अभिषेक बनर्जी (एआईटीसी), डेरेक ओ’ब्रायन (एआईटीसी), आदित्य ठाकरे (एसएस-यूबीटी) और डी राजा (सीपीआई) हैं।