गृह मंत्री अमित शाह ने हाल ही में हुई एक संसदीय समिति की बैठक में बताया कि राष्ट्रीय सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए 805 मोबाइल ऐप्स और 3266 वेबसाइट्स तथा लिंक को ब्लॉक किया गया है। यह बैठक गृह मंत्रालय की साइबर सुरक्षा और साइबर अपराध से संबंधित संसदीय परामर्श समिति के तहत आयोजित की गई थी। इस दौरान उन्होंने भारत में बढ़ते साइबर अपराध को रोकने के लिए गृह मंत्रालय द्वारा उठाए गए कदमों पर भी प्रकाश डाला।
I4C पोर्टल पर बड़ी कार्रवाई और आंकड़े
गृह मंत्री ने जानकारी दी कि इंडियन सायबर क्राइम कॉर्डिनेशन सेंटर (I4C) पोर्टल पर अब तक 1 लाख 43 हजार FIR दर्ज की गई हैं, और 19 करोड़ से अधिक लोगों ने इस पोर्टल का उपयोग किया है। राष्ट्रीय सुरक्षा के दृष्टिकोण से 805 ऐप्स और 3266 वेबसाइट्स को ब्लॉक किया गया है। इसके अलावा, 6 लाख से अधिक संदिग्ध डेटा को साझा किया गया और 19 लाख से अधिक म्यूल अकाउंट्स पकड़े गए। सबसे अहम बात यह है कि 2038 करोड़ रुपये के संदिग्ध वित्तीय लेनदेन को रोका गया है।
साइबर क्राइम से निपटने के लिए उठाए गए कदम
अमित शाह ने साइबर क्राइम पर काबू पाने के लिए गृह मंत्रालय द्वारा उठाए गए कदमों की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि मंत्रालय ने चार प्रमुख रणनीतियों को अपनाया है—कन्वर्जेंस (सम्मिलन), कोर्डिनेशन (संचालन), कम्यूनिकेशन (संचार) और कैपेसिटी (क्षमता)। मंत्रालय के विभागों के बीच बेहतर समन्वय से बिना किसी रुकावट के सूचना और कम्युनिकेशन का आदान-प्रदान किया जा रहा है, जिससे साइबर अपराध पर नियंत्रण पाया जा सके।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का इस्तेमाल
गृह मंत्री अमित शाह ने बताया कि साइबर अपराधियों की पहचान के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का उपयोग किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक और अन्य बैंक मिलकर म्यूल अकाउंट्स की पहचान करने के लिए एक सिस्टम विकसित करने की दिशा में काम कर रहे हैं, ताकि इस प्रकार के अपराधों को होने से पहले ही रोका जा सके।
साइबर क्राइम फोरेंसिक ट्रेनिंग लैब की स्थापना
अमित शाह ने यह भी बताया कि देश के 33 राज्यों और केंद्र-शासित प्रदेशों में साइबर क्राइम फोरेंसिक ट्रेनिंग लैब की स्थापना की गई है। इन लैब्स के माध्यम से पुलिस अधिकारियों और अन्य संबंधित अधिकारियों को साइबर क्राइम से निपटने के लिए जरूरी प्रशिक्षण दिया जा रहा है, जिससे वे बेहतर तरीके से साइबर अपराधों की जांच कर सकें।
I-4C हेल्पलाइन 1930 का प्रचार
अमित शाह ने समिति के सभी सदस्यों से आग्रह किया कि वे I-4C की हेल्पलाइन नंबर 1930 का प्रचार करें। यह हेल्पलाइन साइबर वित्तीय धोखाधड़ी से संबंधित मामलों का एकल समाधान प्रदान करती है। इसके माध्यम से नागरिक आसानी से अपनी शिकायत दर्ज कर सकते हैं और तुरंत सहायता प्राप्त कर सकते हैं।
गृह मंत्री अमित शाह ने साइबर सुरक्षा को लेकर गृह मंत्रालय की त्वरित कार्रवाई और नीतियों का स्पष्ट रूप से उल्लेख किया। इन कदमों से यह साबित होता है कि सरकार साइबर क्राइम पर नियंत्रण पाने के लिए कड़ी मेहनत कर रही है और नागरिकों की सुरक्षा को प्राथमिकता दे रही है।
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साइबर अपराधों से बचने और उन्हें रोकने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए इन महत्वपूर्ण कदमों को देखकर उम्मीद जताई जा रही है कि आने वाले समय में साइबर अपराधों में कमी आएगी और नागरिकों को बेहतर सुरक्षा मिलेगी।