एक थैला राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के ‘एक थैलाऔर एक थाली अभियान’ के अंतर्गत, मेले में आने वाले पर्यटकों एवं श्रद्धालु अतिथियों को इस प्रकार के कैनवास बैग, कागज़ की थाली, और बांस की कटोरियाँ वितरित की जाएँ जो कि पुनः उपयोग योग्य हों.
प्रयागराज महाकुंभ 2025 को जहां विश्व के सर्वोच्च धार्मिक समागम के लिए इतिहास में याद किया जाएगा वहीं पर्यावरण के प्रति संवेदनशीलता के लिए भी स्मरणीय होगा इस वर्ष का यह आध्यात्मिक संगम. संगम नगरी में पर्यावरण के प्रति व्यवहारिक जागरूकता के संदेश के साथ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने यह अभिनव पहल प्रारम्भ की है.
इस अनूठी पहल के अंतर्गत संघ कार्यकर्ता ‘बैग और थाली अभियान’ को लेकर कुम्भ मेला क्षेत्र में उतर पड़े हैं और इको-फ्रेंडली (पर्यावरण मित्र) सामग्री वितरित करके प्लास्टिक के उपयोग को कम करने की दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं और स्वच्छता के प्रति जागरूकता फैला रहे हैं.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ 1 थैला 1 थाली अभियान’ के अंतर्गत मेले में पधार रहे श्रद्धालुओं और पर्यटकों को पुनः उपयोग योग्य सामग्री, यथा – कैनवास के बने झोले, कागज़ की बनी थाली और बांस की बनी कटोरियाँ वितरित कर रहे हैं. ये सामग्रियाँ उपयोग के दौरान भी और उसके बाद भी निरन्तर यही संदेश देंगी कि प्लास्टिक का विकल्प सम्भव है, इसे उपयोग में लाने का अभ्यास करें !
संघ की ये अनूठी पहल जहां स्मरणीय रहेगी वहीं दरवाड़ा प्रशंसनीय भी रहेगी. इस पहल से लोगों को प्लास्टिक का विकल्प उपयोग में लाने का अभ्यास भी हो जायेगा और उसकी आदत भी डल जाएगी.
ये अत्यंत आवश्यक पहल है क्योंकि सभी को पता है कि पर्यावरण का सबसे बड़ा शत्रु प्लास्टिक है पर लोग ये नहीं जानते कि इसकी गुलामी से आजादी कैसे मिलेगी. अब संघ एक झोला एक थाली के अभियान के माध्यम से इसके विकल्प के रूप में हम क्या इस्तेमाल कर सकते हैं -वो दे रहा है और इसके विकल्प को इस्तेमाल में लाने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है.
इससे न केवल कुंभ मेला क्षेत्र में प्लास्टिक के कचरे को कम किया जा सकेगा अपितु सभी श्रद्धालु भारत में अपने अपने घरों में भी प्लास्टिक के विकल्प को उपयोग में लाएंगे.