महाराष्ट्र के जलगांव रेलवे स्टेशन पर बुधवार (22 जनवरी) को एक बड़ा रेल हादसा हुआ। पुष्पक एक्सप्रेस में आग लगने की अफवाह फैलने के बाद यात्रियों में अफरा-तफरी मच गई, जिसके कारण उन्होंने ट्रेन से कूदकर जान बचाने की कोशिश की। इसी बीच दूसरे ट्रैक पर आ रही कर्नाटक एक्सप्रेस ने इन यात्रियों को कुचल दिया, जिससे 8 लोगों की मौत हो गई और 40 अन्य घायल हो गए।
जलगांव रेलवे स्टेशन की हादसे की शुरुआत: आग लगने की अफवाह
जानकारी के अनुसार, मुंबई जाने वाली पुष्पक एक्सप्रेस जब जलगांव और परांडा स्टेशन के बीच गुजर रही थी, तो ट्रेन में आग लगने की अफवाह फैल गई। यात्रियों ने आग से डरकर ट्रेन से बाहर कूदना शुरू कर दिया। अफवाह के कारण उन्हें यह विश्वास हो गया कि ट्रेन में आग लगी है, जिससे उन्हें अपनी जान की चिंता सताने लगी। यात्री डर के मारे झटपट ट्रेन से बाहर कूद पड़े, लेकिन इसी दौरान दूसरे ट्रैक से कर्नाटक एक्सप्रेस तेज गति से गुजर रही थी, और उसने कई यात्रियों को कुचल दिया।
जलगांव रेलवे स्टेशन: मौतों और घायलों की संख्या बढ़ी
हादसे में अब तक 8 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 40 से ज्यादा लोग घायल बताए जा रहे हैं। खबर लिखे जाने तक घायलों को तत्काल इलाज नहीं मिल पाया है, क्योंकि मौके पर कोई मेडिकल सहायता नहीं पहुंच पाई थी। यह स्थिति घायलों के लिए और भी खतरनाक साबित हो सकती है। स्थानीय लोगों ने मदद के लिए प्रयास किए, लेकिन मेडिकल सेवाओं की कमी ने राहत कार्य को धीमा कर दिया।
मौके पर प्रशासन और रेलवे विभाग की लापरवाही
इस हादसे के बाद रेलवे प्रशासन और स्थानीय प्रशासन पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं, क्योंकि घटना के तुरंत बाद भी राहत और बचाव कार्य शुरू करने में समय लगा। मौके पर चिकित्सा सुविधा की भारी कमी थी, जिससे घायलों को इलाज में देरी हुई और मौतों की संख्या बढ़ी। रेलवे विभाग को इस लापरवाही पर सवालों का सामना करना पड़ सकता है।
हादसे की जांच शुरू
महाराष्ट्र सरकार ने इस घटना की जांच के आदेश दे दिए हैं और घटना के कारणों का पता लगाने के लिए एक उच्च स्तरीय टीम गठित की जाएगी। रेलवे अधिकारियों ने कहा कि हादसे की जांच की जाएगी, ताकि यह स्पष्ट किया जा सके कि आग की अफवाह कैसे फैली और ट्रेन से कूदने की घटनाएं हुईं।
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जलगांव के परांडा रेलवे स्टेशन पर हुआ यह हादसा न केवल रेलवे प्रशासन की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाता है, बल्कि यात्री सुरक्षा को लेकर भी गंभीर चिंताएं पैदा करता है। इस हादसे में 8 लोगों की मौत और 40 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं, जिनमें से कई की स्थिति गंभीर बताई जा रही है। इस घटना के बाद अब रेलवे अधिकारियों और प्रशासन को ट्रेन यात्रा की सुरक्षा व्यवस्था को और अधिक सख्त करने की जरूरत है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।