कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा है कि संसद के इस विशेष सत्र का मुख्य मुद्दा महिला आरक्षण था। लेकिन इसके साथ दो शर्तें भी थीं कि महिला आरक्षण करने से पहले जनगणना और परिसीमन करवाना होगा, जिसे करने में कई साल लगेंगे। सच्चाई ये है कि महिला आरक्षण को आज लागू किया जा सकता है। 33% आरक्षण आज जो सीट है लोकसभा और राज्यों के विधानसभा में दी जा सकती है। लेकिन मोदी सरकार ये नहीं करना चाहती, वो सिर्फ गुमराह कर रही है। गुमराह किस चीज से- जातिगत जनगणना से।
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प्रधानमंत्री कहते हैं कि वो OBC के लिए बहुत काम करते हैं। अगर वे OBC के लिए काम करते हैं, तो 90 सचिवों में से सिर्फ 3 सचिव OBC से क्यों हैं? ये OBC आफिसर्स देश के बजट का कितना और क्या कंट्रोल कर रहे हैं? OBC केवल देश का 5% बजट कंट्रोल करता है। मुझे ये पता लगाना है कि हिन्दुस्तान में OBC कितने हैं और जितने हैं उतनी भागीदारी उन्हें मिलनी चाहिए। राहुल ने कहा कि मैं एक बार जो मन बना लेता हूँ तो छोड़ता नहीं हूँ, मुझे यह पता लगाना है कि हिंदुस्तान में OBC कितने हैं और जितने है उतने भागीदारी उनको मिलनी चाहिए।
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राहुल गांधी ने कहा कि आप किसी भी BJP के MP से पूछ लीजिए कि वो कोई निर्णय लेते हैं? कानून बनाने में भाग लेते हैं? बिल्कुल नहीं। OBC के MP’s को मूर्ति बना रखा है, जिनके पास पावर बिल्कुल नहीं है। देश को चलने में कोई भागीदारी नहीं है। राहुल ने कहा कि जनगणना और परिसीमन को सरकार इस कानून से हटाकर तुरंत लागु करे और हमारी सरकार द्वारा कराइ गई जातिगत जनगणना के डाटा को पब्लिश करें। हमारी सरकार आएगी तो जातिगत जनगणना कराएंगे। देश को पता चलेगा कि OBC, दलित और आदिवासी कितने हैं। उन्हें देश चलाने में भागीदारी मिलेगी।
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