पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने शनिवार को टिमरनी में आयोजित सरपंच सम्मेलन के दौरान पंचायतों को सशक्त बनाने और ग्रामीण विकास को गति देने को लेकर कई महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पंचायतों के अधिकार बढ़ाने के साथ-साथ विकास कार्यों के लिए अधिक धनराशि का आवंटन कर रही है, ताकि गांवों में बुनियादी ढांचा और जनसुविधाएं मजबूत हो सकें।
सरपंचों को ईमानदारी से कार्य करने की सलाह
मंत्री पटेल ने सरपंचों से ईमानदारी और जिम्मेदारी के साथ कार्य करने की अपील की। उन्होंने कहा कि पंचायतें केवल प्रशासनिक इकाई नहीं हैं, बल्कि गांवों के विकास की धुरी हैं। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार ने पंचायत प्रतिनिधियों की खर्च सीमा में भी वृद्धि की है, जिससे अब वे अधिक योजनाएं और कार्य अपने स्तर पर संचालित कर सकते हैं।
जल संरक्षण और पौधारोपण पर दिया विशेष जोर
मंत्री पटेल ने सरपंचों से अधिक से अधिक पौधारोपण कराने और जल स्रोतों के संरक्षण के लिए ठोस कदम उठाने की बात कही। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 247 नदियों के उद्गम स्थल हैं, फिर भी कुएं और ट्यूबवेल का जलस्तर तेजी से गिर रहा है। ऐसे में जलसंरक्षण और पर्यावरण संतुलन के लिए स्थानीय स्तर पर प्रयास जरूरी हैं।

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत होंगी नई सड़कें और पुल-पुलिया
उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के नए प्रावधानों के तहत अब पुल-पुलिया अधिक ऊंचाई के बनाए जाएंगे, जिससे जलभराव जैसी समस्याएं दूर हों। हरदा जिले में 500 से अधिक आबादी वाली 15 बस्तियों को इस योजना में शामिल किया गया है, जहां नई सड़कों का निर्माण होगा। इसके साथ ही जिले में 14 नए पुल-पुलियों को भी स्वीकृति दी गई है।
“रेवा आश्रय सामुदायिक भवन” की भी घोषणा
मंत्री प्रहलाद पटेल ने बताया कि नर्मदा परिक्रमा पथ की पंचायतों में “रेवा आश्रय सामुदायिक भवन” का निर्माण किया जाएगा, जो नर्मदा भक्तों और ग्रामीणों को सहूलियत प्रदान करेंगे।
सम्मेलन में मौजूद रहे कई जनप्रतिनिधि
इस अवसर पर पूर्व मंत्री श्री कमल पटेल, जिला पंचायत अध्यक्ष श्री गजेंद्र शाह, उपाध्यक्ष श्री दर्शन सिंह गहलोत, पूर्व विधायक श्री संजय शाह, टिमरनी नगर परिषद अध्यक्ष श्री देवेंद्र भारद्वाज, उपाध्यक्ष श्री राजा कौशल सहित अनेक जनप्रतिनिधि, अधिकारी और पंचायत प्रतिनिधि मौजूद रहे।
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सरपंच सम्मेलन के माध्यम से मंत्री प्रहलाद पटेल ने पंचायतों को न केवल अधिक वित्तीय और प्रशासनिक अधिकार दिए जाने की बात कही, बल्कि जल संरक्षण, पर्यावरण संवर्धन और ग्रामीण संपर्क के मजबूत नेटवर्क की दिशा में स्थायी विकास की नींव रखने का भी आह्वान किया। इस पहल से ग्रामीण क्षेत्रों में विकास की रफ्तार को नई दिशा मिलने की उम्मीद है।