राजस्थान के ग्रामीण पशुपालकों के लिए एक बड़ी राहत की खबर सामने आई है। अब बीमार पशुओं के इलाज के लिए पशुपालकों को दूरदराज शहरों की ओर नहीं जाना पड़ेगा, क्योंकि जल्द ही राज्य की हर ग्राम पंचायत मुख्यालय पर पशु चिकित्सालय स्थापित किए जाएंगे। इस योजना की शुरुआत पाली जिले की सुमेरपुर विधानसभा क्षेत्र से हो चुकी है, जहां सभी पंचायतों में पशु चिकित्सालय खोलने की मंजूरी मिल चुकी है।
पशुपालकों के लिए बड़ी सुविधा
ग्रामीण क्षेत्रों में लंबे समय से यह समस्या रही है कि बीमार पशुओं को इलाज के लिए कई किलोमीटर दूर शहरों तक ले जाना पड़ता है, जिससे समय, पैसा और श्रम – तीनों की भारी खपत होती थी। लेकिन अब इस नई पहल से पशुपालकों को अपने ही गांव में चिकित्सा सुविधा मिल सकेगी। इससे पशुओं को तत्काल उपचार मिलना भी संभव होगा।
पशुपालन: आजीविका का महत्वपूर्ण साधन
राजस्थान देश का दूसरा सबसे बड़ा पशुधन वाला राज्य है। विशेषकर रेगिस्तानी इलाकों में पशुपालन ग्रामीणों की मुख्य आजीविका का साधन है। यही कारण है कि राज्य सरकार अब पशुपालकों को मजबूत आधार देने के लिए बुनियादी ढांचे पर ध्यान केंद्रित कर रही है।
मंत्री जोराराम कुमावत ने दी सौगात
राज्य के कैबिनेट मंत्री जोराराम कुमावत ने अपने पाली जिले के दौरे के दौरान सुमेरपुर विधानसभा क्षेत्र के रोजड़ा गांव में यह घोषणा की। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के निर्देश पर पूरे प्रदेश में पशु चिकित्सा ढांचे को विस्तार दिया जा रहा है।
चिकित्सा संस्थानों को किया जा रहा क्रमोन्नत
सरकार द्वारा प्रदेश के 25 प्रथम श्रेणी पशु चिकित्सालयों को बहु-उद्देश्यीय पशु चिकित्सालयों में बदला गया है। साथ ही 19 अन्य को प्रथम श्रेणी में और 101 पशु चिकित्सा उप केंद्रों को नियमित पशु चिकित्सालयों में क्रमोन्नत किया गया है।
भूमि आवंटन की प्रक्रिया तेज
सुमेरपुर क्षेत्र की जिन ग्राम पंचायतों में भूमि के पट्टे जारी हो चुके हैं, वहां भवन निर्माण की प्रक्रिया आरंभ कर दी गई है। वहीं, जिन पंचायतों में अभी पट्टे जारी नहीं हुए हैं, वहां तेजी से प्रक्रिया पूरी कर निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा।
यह भी पढ़ें: धामपुर नगर पालिका का होने जा रहा सीमा विस्तार
राजस्थान सरकार का यह कदम न सिर्फ पशुपालकों के लिए राहत भरा है, बल्कि यह पशुधन की सेहत और राज्य की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूती देगा। पशु चिकित्सालयों का ग्राम पंचायत स्तर तक विस्तार ग्रामीण विकास की दिशा में एक ठोस पहल है, जिससे लाखों पशुपालकों को सीधा लाभ मिलेगा।