चुनाव आयोग द्वारा लोकसभा चुनाव (Loksabha Election 2024) के तारीखों का ऐलान होते हीं देश भर में आचार संहिता लागू हो जाएगा।लोकसभा चुनाव का ऐलान चुनाव आयोग 16 मार्च की दोपहर 3 बजकर 30 मिनट पर करेगा।
चुनाव की घोषणा होने से लेकर चुनाव परिणाम आने तक चुनाव आयोग सर्वशक्तिमान हो जाएगा। यानि की चुनाव आयोग की सरकार चलेगी। आचार संहिता लागू होते ही सरकार के कामकाज और राजनीतिक पार्टियों पर कई तरह की पाबन्दी लग जाती है और उनके कामकाज पर चुनाव आयोग की नजर रहती है।
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आचार संहिता लागू होते ही क्या बदलाव आएगा?
नई योजना की घोषण और शिलान्यास पर रोक
लोकसभा चुनाव का ऐलान होते ही अचार संहिता लागू हो जाएगा। आचार संहिता लागू होते ही सरकार और उसके मंत्री कोई घोषणा, शिलान्यास नहीं कर सकते जिसमें वित्तीय लेनदेन शामिल हो। किसी नए परियोजनाओं को सरकार शुरू नहीं कर सकती है। हालांकि पहले से चल रहे काम चालू रहेंगे। उस पर किसी तरह का रोक नहीं रहेगा।
अचार संहिता में अधिकारियों और कर्मचारियों का ट्रांसफर कौन करेगा?
आचार संहिता लागू होते ही केंद्र सरकार के सभी अधिकारी और कर्मचारी चुनाव आयोग के अंदर आ जाते हैं। केंद्रीय अधिकारी और कर्मचारी की ट्रांसफर और पोस्टिंग केंद्र सरकार नहीं कर सकती। अगर जरुरत पड़ने पर सरकर को लगता है कि किसी अधिकारी की ट्रांसफर या पोस्टिंग करनी है तो इसके उसे चुनाव आयोग की अनुमति लेनी होगी।
प्रचार के लिए सरकरी पैसे और जगह का इस्तेमाल नहीं कर सकते
आचार संहिता लागू होते ही केंद्र सरकार अपने प्रचार-प्रसार और विज्ञापन के लिए सरकारी पैसे और जगहों का इस्तेमाल नहीं कर सकते। पहले से लगा सरकरी विज्ञापन को भी हटा दिया जाता है। सरकार या सत्ताधारी दल अपने प्रचार प्रसार के लिए सरकारी मशीनरी और गाड़ी का उपयोग नहीं कर सकता। अगर कोई पार्टी इस दौरान प्रचार प्रसार करती है तो उसका सारा खर्च उसके पार्टी में जुड़ जाता है।
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कोई भी राजनीतिक दल चुनाव में प्रचार-प्रसार के लिए धार्मिक स्थलों जैसे मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा, चर्च का इस्तेमाल नहीं कर सकती। किसी भी जगह प्रचार-प्रसार, रैली करने के लिए रिटर्निंग ऑफिसर से अनुमति लेनी होगी। रिटर्निंग ऑफिसर अधिकांशतः उस जिला का डीएम होता है।
आचार संहिता में कब से कब तक पार्टी प्रचार कर सकती है ?
आचार संहिता लागू होते ही कोई भी राजनीतिक दल सुबह 6 बजे से लेकर रात के 10 बजे तक प्रचार प्रसार, रैली कर सकता है।