1 जनवरी 2025 से भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने कई महत्वपूर्ण बदलावों को लागू करने का निर्णय लिया है, जो खासकर फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) और बैंकिंग सेवाओं से जुड़े लोगों के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं। इस बदलाव के तहत हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों (HFC) और गैर-बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों (NBFC) के लिए नए रेगुलेटरी फ्रेमवर्क को लागू किया जाएगा। ये दिशा-निर्देश अगस्त में जारी किए गए थे, और अब 1 जनवरी से ये नियम प्रभावी हो जाएंगे।
फिक्स्ड डिपॉजिट से जुड़ी नई गाइडलाइंस
नई गाइडलाइंस के तहत, अब जमाकर्ताओं को अपनी जमा राशि के बारे में कुछ अहम जानकारी मिल सकेगी। ये बदलाव इस प्रकार हैं:
- छोटी जमाराशियों पर नियम: भारतीय रिजर्व बैंक के नए नियमों के मुताबिक, यदि जमाकर्ता अपनी छोटी जमाराशियों (10,000 रुपये तक) को तीन महीने के भीतर निकालना चाहते हैं, तो वे बिना किसी ब्याज के अपनी पूरी राशि निकाल सकते हैं।
- बड़ी जमाराशियों पर निकासी: बड़ी जमाराशियों के मामले में, अब जमाकर्ता अपनी मूल राशि का 50% या 5 लाख रुपये (जो भी कम हो) तक की आंशिक निकासी तीन महीने के भीतर बिना ब्याज के कर सकते हैं।
- गंभीर बीमारी के मामले में निकासी: अगर किसी जमाकर्ता को गंभीर बीमारी का सामना करना पड़ता है, तो वे अपनी जमा राशि की पूरी रकम बिना ब्याज के समय से पहले निकाल सकते हैं। यह नियम सभी जमाओं पर लागू होगा, चाहे जमा अवधि के पहले तीन महीने की अवधि में हो या नहीं।
- मैच्योरिटी जानकारी का अपडेट: अब, गैर-बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों (NBFC) को डिपॉजिटर्स को उनकी जमा राशि की मैच्योरिटी से कम से कम 14 दिन पहले सूचना देना अनिवार्य होगा। इससे जमाकर्ताओं को अपनी जमा राशि के बारे में बेहतर तरीके से योजना बनाने का मौका मिलेगा।
नए नियमों में और क्या बदलाव हो रहे हैं?
- नॉमिनेशन अपडेट: अब, NBFCs को नामांकन फॉर्म की सही तरीके से प्राप्ति और उसे रद्द करने या बदलाव करने की पावती प्रदान करने के लिए एक उचित प्रणाली स्थापित करने की सलाह दी गई है। इसके अलावा, सभी ग्राहकों को पावती प्रदान करना भी अनिवार्य किया गया है, चाहे वह नामांकन में बदलाव करें या नहीं।
- नामांकित व्यक्ति का जिक्र पासबुक में: NBFCs को अब पासबुक या रसीदों पर नामांकन का विवरण दर्ज करने की सलाह दी गई है। इसमें “नॉमिनेशन रजिस्टर्ड” और नामांकित व्यक्ति का नाम कस्टमर्स की सहमति से लिखा जाएगा।
- समयपूर्व निकासी के प्रावधान: अब, सार्वजनिक जमा करने वाले व्यक्तिगत जमाकर्ताओं को अपनी जमा राशि की तारीख से तीन महीने के भीतर समयपूर्व निकासी का अनुरोध करने का अधिकार होगा। इस मामले में, वे बिना ब्याज के अपनी मूल राशि का अधिकतम 50% या 5 लाख रुपये (जो भी कम हो) निकाल सकते हैं। बाकी राशि पर निर्धारित ब्याज मिलता रहेगा।
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1 जनवरी 2025 से लागू होने वाले ये बदलाव फिक्स्ड डिपॉजिट के नियमों में कई महत्वपूर्ण परिवर्तन ला रहे हैं, जो जमाकर्ताओं के लिए फायदे का सौदा हो सकते हैं। इन नियमों के तहत अब लोग बिना ब्याज के छोटी जमा राशियों को जल्दी निकाल सकते हैं, साथ ही गंभीर बीमारियों के कारण समय से पहले निकासी का विकल्प भी मिलेगा। इन परिवर्तनों का उद्देश्य जमाकर्ताओं को बेहतर सेवा और अधिक स्पष्ट जानकारी प्रदान करना है, ताकि वे अपने वित्तीय निर्णयों में अधिक सजग हो सकें।