भारत में सनातन धर्म में उगते सूरज को जल अर्पित किया जाता है। लेकिन छठ महापर्व के तीसरे दिन डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। छठ पर्व कार्तिक शुक्ल षष्ठी को देश-प्रेश समेत पूरी दुनिया में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है।
षष्ठी तिथि यानी आज डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा फिर सप्तमी यानी कल उगते सूर्य को अर्घ्य और उपासना करके व्रत का समापन किया जाएगा। आज छठ पूजा के दिन शाम को कितने बजे सूर्य को अर्घ्य देने का मुहूर्त है। इस लेख में हम आपको शुभ मुहूर्त, पूजा विधि के बारे में बताएंगे।
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डूबते सूर्य को अर्घ्य देने का मुहूर्त
छठ पूजा में डूबते सूर्य को अर्घ्य देने का विशेष महत्व है। संध्या अर्घ्य के दिन व्रती (व्रत करने वाले) सूर्यास्त के समय सूर्य को अर्घ्य अर्पित करते हैं। यह पूजा का तीसरा दिन होता है और इसे संध्या अर्घ्य के रूप में जाना जाता है। हर वर्ष अर्घ्य का समय सूर्यास्त के अनुसार अलग-अलग हो सकता है।
ज्योतिषियों के अनुसार इस साल डूबते सूर्य को अर्घ्य देने का शुभ मुहूर्त 5 बजकर 31 मिनट पर का है। इस दिन व्रती नदी, तालाब या कुंड में खड़े हों और सूर्य देव को अर्घ्य देते हैं।
हालाकि, यह समय स्थान के अनुसार थोड़ा भिन्न हो सकता है, इसलिए स्थानीय सूर्यास्त के समय के अनुसार ही अर्घ्य देना चाहिए।
डूबते सूर्य को अर्घ्य देने का महत्व
डूबते सूर्य को अर्घ्य देने से सूर्य देवता की आराधना के साथ उनके प्रति आभार व्यक्त किया जाता है। छठ पूजा में डूबते और उगते दोनों सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है, जो जीवन में संतुलन और सकारात्मकता का प्रतीक है।
डूबते सूर्य को अर्घ्य देने की प्रक्रिया
व्रती (व्रत करने वाले) गंगा, तालाब, नदी, या किसी जलाशय के किनारे साफ-सुथरे स्थान पर पूजा की तैयारी करते हैं। परिवार के अन्य सदस्य भी इस अनुष्ठान में शामिल होते हैं और मदद करते हैं।
अर्घ्य सामग्री: डूबते सूर्य को अर्घ्य देने के लिए बांस के सूप या टोकरी में फल, ठेकुआ, नारियल, गन्ना, हल्दी, चावल, और अन्य प्रसाद रखे जाते हैं।
अर्घ्य का अर्पण: सूर्यास्त के समय व्रती पानी में खड़े होकर सूर्य को जल, दूध और जलमिश्रित चावल अर्पित करते हैं। यह अर्घ्य अर्पित करते समय वे सूर्य देव की कृपा और परिवार की सुख-समृद्धि की कामना करते हैं।
सूर्य मंत्र: अर्घ्य देते समय सूर्य देव के मंत्रों का उच्चारण किया जाता है। मंत्रोच्चार से पूजा में श्रद्धा और संकल्प की पुष्टि होती है।