“Peace begins with a smile”…ये शब्द मदर टेरेसा ने कहे थे। जिनका मकसद था विश्वभर में शांति की स्थापना करना। दुनिया में शांति और सद्भावना पैदा करना पूरी मानव जाति का कर्तव्य है। इसी क्रम में विश्व स्तर पर शांति के लिए किए गए प्रयासों के लिए शांति पुरस्कार दिये जाते हैं। जिनमें नोबेल शांति पुरस्कार, गांधी मंडेला शांति पुरस्कार, गांधी शांति अवॉर्ड समेत कई प्रतिष्ठित शांति पुरस्कार दिए जाते हैं।
आज हम आपको दुनिया के 5 प्रतिष्ठित शांति पुरस्कारों के बारे में बताने जा रहे हैं।
1- नोबेल शांति पुरस्कार
नोबेल शांति पुरस्कार विश्व स्तर पर शांति के लिए किए गए प्रयासों के लिए दिया जाता है। बता दें कि स्वीडन के उद्योगपति, आविष्कारक, और आयुध निर्माता अल्फ्रेड नोबेल ने पांच नोबेल पुरस्कारों की शुरूआत की थी।
जिसमें से नोबेल शांति पुरस्कार एक है। शांति के अलावा ये पुरस्कार रसायन विज्ञान, भौतिकी, शरीर क्रिया विज्ञान या चिकित्सा और साहित्य में भी सालाना रूप से प्रदान किए जाते हैं।
आख़िरी बार यह पुरस्कार 2023 में “ईरान में महिलाओं के उत्पीड़न के खिलाफ लड़ाई और सभी के लिए मानवाधिकारों और स्वतंत्रता को बढ़ावा देने की लड़ाई के लिए” नरगिस मोहम्मदी को नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
कौन देता है ये अवॉर्ड ?
नोबेल शांति पुरस्कार को नॉर्वे के ओस्लो में प्रदान किया जाता है और प्राप्तकर्ता को नॉर्वे की संसद द्वारा नियुक्त पांच सदस्यीय समिति नॉर्वेजियन नोबेल समिति द्वारा चुना जाता है।
इसके सदस्यों का चुनाव आमतौर पर नार्वे के राजनीतिक दलों द्वारा ही किया जाता है। खास बात ये है कि इस कमेटी के लोग भी नार्वे के ही होते हैं। कमेटी 6 सालों के लिए होती है। बता दें कि नोबेल पुरस्कार भौतिकी, रसायन, शांति, साहित्य, चिकित्सा विज्ञान और अर्थशास्त्र के क्षेत्र में एक अलग समिति द्वारा प्रदान किया जाता है।
कारोलिंस्का इंस्टीट्यूट औषधी के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार प्रदान करती हैं, द रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेस भौतिकी, अर्थशास्त्र और रसायनशास्त्र के क्षेत्र में और नॉर्वेजियन नोबेल समिति शांति के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार प्रदान करती है।
ये है जूरी (2024)
1- Jørgen Watne Frydnes: नोबेल समिति के अध्यक्ष (2021-2026 की अवधि के लिए)
2- Asle Toje: नोबेल समिति के उपाध्यक्ष. 2018 से समिति के सदस्य, 2024-2029 की अवधि के लिए पुनः नियुक्त किया गया।
3- Anne Enger: 2018 से समिति के सदस्य, 2021-2026 की अवधि के लिए पुनः नियुक्त।
4- Kristin Clemet: 2021-2026 की अवधि के लिए समिति के सदस्य नियुक्त।
5- Gry Larsen: 2024-2029 की अवधि के लिए समिति के सदस्य नियुक्त।
कब और किसे मिला पहला नोबेल शांति पुरस्कार?
पहला नोबेल शांति पुरस्कार 1901 में फ्रांस के फ्रेडरिक पेसी और स्विस जीन हेनरी डुनेंट को दिया गया था। फ्रेडरिक फ्रांस के इकोनॉमिस्ट थे तो देश में कई शांति सोसायटी के संस्थापक। खासकर यूरोपियन यूनियन में उनके पीस मूवमेंट के चलते उन्हें ये पुरस्कार दिया गया था।
2- गांधी मंडेला फाउंडेशन शांति पुरस्कार
गांधी मंडेला फाउंडेशन का शांति पुरस्कार दुनिया के पांच बड़े अवॉर्ड में शामिल है। नेल्सन मंडेला अंतर्राष्ट्रीय दिवस 2024 के पावन अवसर पर 18 जुलाई (नेल्सन मंडेला डे) को ग्वाटेमाला की मानवाधिकार कार्यकर्ता , नारीवादी , और नोबेल शांति पुरस्कार विजेता रिगोबेर्ता मेन्चु तुम को गांधी मंडेला अवॉर्ड 2020 से सम्मानित किया गया।
ये अवॉर्ड गांधी मंडेला फाउंडेशन के संस्थापक और महासचिव एडवोकेट नंदन कुमार झा की उपस्थिति में मैक्सिको में दिया गया। रिगोबर्टा मेनचू तुम को गांधी मंडेला पुरस्कार 2020 से सम्मानित किया जाना न्याय और समानता की उनकी निरंतर खोज का एक प्रमाण है।
उनके जीवन का कार्य गांधी और मंडेला के सिद्धांतों का उदाहरण है, और यह मान्यता आज की अशांत दुनिया में उनकी विरासत को जारी रखने के महत्व पर प्रकाश डालती है।
गांधी मंडेला पुरस्कार जूरी:
यह दुनिया की पहली सबसे सशक्त जूरी है जिसमें शामिल हैं..
- माननीय न्यायमूर्ति के जी बालकृष्णान (भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश और एचएचआरसी भारत के पूर्व अध्यक्ष)।
- उपाध्यक्ष माननीय न्यायमूर्ति ज्ञानसुधा मिश्रा (पूर्व न्यायाधीश, सर्वोच्च न्यायालय)।
- माननीय न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा (भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश)।
- माननीय न्यायमूर्ति केदारनाथ उपाध्याय (नेपाल के पूर्व मुख्य न्यायाधीश और पूर्व अध्यक्ष, एनएचआरसी, नेपाल)।
- माननीय न्यायमूर्ति तफज्जुल इस्लाम (बांग्लादेश के पूर्व मुख्य न्यायाधीश)
कब और किसे मिला पहला अवॉर्ड
बता दें, कि गांधी मंडेला फाउंडेशन की ओर से 14वें तिब्बती गुरू दलाई लामा को 2022 में पहले शांति पुरस्कार से नवाजा गया था। हिमाचल प्रदेश के मैक्लॉडगंज में राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर ने दलाईलामा को यह शांति पुरस्कार दिया था। इस मौके पर दलाईलामा ने कहा, वो दया, एकता और अहिंसा पर जोर देते हैं। करुणा और दया इंसान को शक्ति देती है। आज का समय हो या प्राचीन काल मन की शांति हमेशा से ही महत्वपूर्ण रही है। इस अवॉर्ड का लक्ष्य महात्मा गांधी और दक्षिण अफ्रीका के पहले अश्वेत राष्ट्रपति नेल्सन मंडेला के अहिंसावादी विचारों को बढ़ावा देना है। यह एक अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार है।
3- यूनेस्को-मदनजीत सिंह पुरस्कार
यूनेस्को-मदनजीत सिंह पुरस्कार सहिष्णुता और अहिंसा को बढ़ावा देने के लिए हर दो साल में यूनेस्को द्वारा प्रदान किया जाता है। यह पुरस्कार यूनेस्को के संविधान के आदर्शों के आधार पर बनाया गया था। साल 1995 के संयुक्त राष्ट्र सहिष्णुता वर्ष के बाद और महात्मा गांधी की 125वीं जयंती के संबंध में 1996 में इसका अनावरण किया गया। संयुक्त राष्ट्र का प्रतिष्ठित पुरस्कार जिसकी स्थापना शांति दूत महात्मा गांधी के जीवन से प्रेरित होकर की गई थी।
महात्मा गांधी की 125वीं जयंती पर वर्ष 1995 में शुरु किए गए इस प्रतिष्ठित पुरस्कार की स्थापना में भारतीय राजनयिक तथा यूनेस्को के सदभावना राजदूत मदनजीत सिंह ने महत्वपूर्ण भूमिका अदा की थी।
सहिष्णुता और अहिंसा को प्रोत्साहित करने के लिए हर दो वर्ष पर यह पुरस्कार व्यक्तियों या संस्थानों को प्रदान किया जाता है। इसमें पुरस्कार स्वरूप दस हजार डॉलर की राशि दी जाती है। यह पुरस्कार 16 नवंबर को अंतरराष्ट्रीय सहिष्णुता दिवस पर दिया जाता है।
4- गांधी शांति पुरस्कार
गांधी शांति पुरस्कार भारत सरकार द्वारा स्थापित एक वार्षिक पुरस्कार है। वर्ष 1995 में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 125वीं जयंती के अवसर पर उनके आदर्शों के प्रति श्रद्धांजलि स्वरूप इस पुरस्कार की स्थापना की गई थी।
यह वार्षिक पुरस्कार उन व्यक्तियों या संस्थाओं को दिया जाता है, जिन्होंने सामाजिक, आर्थिक एवं राजनीतिक बदलावों को अहिंसा एवं अन्य गांधीवादी तरीकों द्वारा प्राप्त किया है। पुरस्कार में 1 करोड़ रुपये की धनराशि, प्रशस्तिपत्र और एक उत्तरीय दी जाती है। यह सभी राष्ट्रों, जातियों, लिंग के लोगों के लिए खुला है। प्रथम गाँधी शांति पुरस्कार 1995
में तंजानिया के प्रथम राष्ट्रपति के जूलियस नायरेरे को प्रदान किया गया था। 2009 में यह पुरस्कार द चिल्ड्रेन्स लीगल सेंटर को दुनिया भर में बाल मानवाधिकार को बढ़ावा देने के लिए दिया गया।
5- सिडनी शांति पुरस्कार
सिडनी शांति पुरस्कार सिडनी पीस फाउंडेशन द्वारा प्रदान किया जाता है। सिडनी विश्वविद्यालय से जुड़ा एक गैर-लाभकारी संगठन। पुरस्कार न्याय के साथ शांति और अहिंसा के अभ्यास को बढ़ावा देता है।
इसका उद्देश्य जनहित को प्रोत्साहित करना और शांति, सामाजिक न्याय, मानवाधिकारों और अहिंसक संघर्ष समाधान के मुद्दों पर चर्चा करना है।
पुरस्कार विजेता को न्याय के साथ शांति के उद्देश्य को आगे बढ़ाने के लिए 50,000 डॉलर का पुरस्कार और ऑस्ट्रेलियाई कलाकार ब्रायन हर्स्ट द्वारा तैयार की गई एक हस्तनिर्मित ग्लास ट्रॉफी दी जाती है।