एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर 4 जून को मची भगदड़ के मामले में अब कानूनी कार्रवाई शुरू हो गई है। इस दर्दनाक हादसे में 11 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 50 से अधिक लोग घायल हो गए थे। अब कब्बन पार्क पुलिस स्टेशन में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB), आयोजनकर्ता डीएनए नेटवर्क्स और कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ (KSCA) के खिलाफ आपराधिक लापरवाही के आरोप में एफआईआर दर्ज की गई है।
एफआईआर में भारतीय दंड संहिता की धारा 105, 125 (1)(2), 132, 121/1 और 190 आर/डब्ल्यू 3 (5) लगाई गई हैं। पुलिस का कहना है कि आयोजकों द्वारा भीड़ नियंत्रण के लिए समुचित व्यवस्था नहीं की गई, जिससे यह दुर्भाग्यपूर्ण हादसा हुआ।
पुलिस ने की थी जश्न स्थगित करने की सिफारिश
आरसीबी ने 3 जून को पहली बार आईपीएल खिताब जीता था और अगले दिन यानी 4 जून को विक्ट्री परेड और जश्न का आयोजन करने की योजना बनाई थी। पुलिस ने संभावित भीड़ और सुरक्षा कारणों को देखते हुए कार्यक्रम को स्थगित करने की सिफारिश की थी। हालांकि, आरसीबी ने यह तर्क दिया कि उनके विदेशी खिलाड़ी जल्द ही अपने देश लौट जाएंगे, इसलिए कार्यक्रम को स्थगित नहीं किया जा सकता।
इसके बाद भारी भीड़ सड़कों और स्टेडियम के बाहर जुटने लगी, जिससे हालात बेकाबू हो गए। इसी दौरान भगदड़ मच गई, जिसमें कई जानें चली गईं और दर्जनों लोग घायल हो गए।
NHRC ने उठाए सवाल
घटना की गंभीरता को देखते हुए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने भी इस मामले में संज्ञान लिया है। आयोग ने जिला प्रशासन और पुलिस से एक सप्ताह के भीतर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। एनएचआरसी का कहना है कि शिकायतकर्ता ने भीड़ प्रबंधन में घोर लापरवाही और हादसे के बाद भी स्टेडियम के भीतर जश्न जारी रहने पर आपत्ति जताई है।
आयोग का कहना है कि ऐसी घटनाएं मानवाधिकारों का सीधा उल्लंघन हैं और जिम्मेदार अधिकारियों की जवाबदेही तय की जानी चाहिए। आयोग ने पीड़ितों को मुआवजा देने और घटना की उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग की है।
अब आगे क्या?
बेंगलुरु के शहरी उपायुक्त जी. जगदीश ने बताया कि केएससीए, आरसीबी और पुलिस आयुक्त बी. दयानंद को नोटिस भेजे गए हैं। जांच में यह देखा जाएगा कि कार्यक्रम की अनुमति किन शर्तों पर दी गई थी और क्या आयोजन के दौरान उन शर्तों का पालन किया गया।
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अब पूरे देश की निगाहें इस घटना की जांच और न्यायिक प्रक्रिया पर टिकी हैं। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि क्या पीड़ितों को न्याय और मुआवजा मिल पाता है और क्या भविष्य में ऐसे हादसों को टालने के लिए ठोस कदम उठाए जाते हैं।