आने वाली है नरक चतुर्दशी. आइये आपको बताते हैं कि इस साल की नरक चतुर्दशी कब पड़ रही है, साथ ही ये भी जानिये कि क्या है यम दिया जलाने का शुभ मुहूर्त और उसका महत्व.
कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को नरक चतुर्दशी मनाई जाती है. नरक चतुर्दशी के दिन यम देवता की प्रसन्नता के लिए एक विशेष दीपक जलाया जाता है. और इसी दीपक को यम दिया कहा जाता है.
दीवाली का त्योहार बहुत निकट है. दीवाली से एक दिन पहले यम दिवाली मनाने की परंपरा है. यम दिवाली को छोटी दिवाली के नाम से भी जाना जाता है. इसके अलावा इसे नरक चतुर्दशी भी कहा जाता है. धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन मृत्यु के देवता यमराज की पूजा की जाती है. इस दिन यम के नाम का दिया जलाना मंगलकारी होता है. कहा जाता है कि नरक चतुर्दशी के दिन यम के नाम का दिया जलाने से मृत्यु के उपरान्त नरक में मिलने वाली यातनाओं से मुक्ति मिलती है. ऐसे में ये जानना भी आवश्यक है कि कि इस साल नरक चतुर्दशी कब पड़ने वाली है, पूजन के लिए इसका शुभ मुहूर्त क्या है और साथ ही यम दीवाली का धार्मिक और पौराणिक महत्व जानना भी महत्वपूर्ण है.
नरक चतुर्दशी दीवाली से एक दिन पहले और धनतेरस के एक दिन बाद मनाई जाती है. नरक चतुर्दशी को छोटी दीवाली के नाम से भी जाना जाता है. परम्परा के अनुसार नरक चतुर्दशी को कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर मनाने की परंपरा है. वैदिक पंचांग कहता है कि इस साल नरक चतुर्दशी 30 अक्टूबर को बुधवार के दिन मनाई जाएगी. ये भी माना जाता है कि इस दिन प्रदोष काल में मृत्यु के देवता यम के नाम का दीया जलाना शुभ होता है.
अब प्रश्न उठता है कि नरक चतुर्दशी तिथि कब से होती है शुरू?
पंचांग बताता है कि कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि की शुरुआत 30 अक्टूबर की सुबह होगी और इसका समय प्रारम्भ होगा 11 बजकर 23 मिनट से. और इस तिथि का समापन 31 अक्टूबर को दोपहर 2 बजकर 53 मिनट पर होगा. चूंकि, चतुर्दशी तिथि में प्रदोष काल के समय यम दिया जलाया जाता है, इसलिए इस साल नरक चतुर्दशी को मनाने का दिन 30 अक्टूबर ही होगा.
आइये आपको बताते हैं नरक चतुर्दशी पर यम दीया जलाने का शुभ मुहूर्त क्या है.
जैसा कि सनातन परम्परा कहती है, नरक चतुर्दशी के दिन प्रदोष काल में यानी गोधूलि बेला में यम दिया जलाना चाहिए . ऐसे में पंचांग के कहता है कि इस साल नरक चतुर्दशी के दिन यम दीया जलाने का शुभ मुहूर्त शाम 5 बजकर 30 मिनट से प्रारम्भ हो कर 7 बजे तक रहेगा. इस दौरान यमदेव को प्रसन्न करने हेतु उनके नाम का एक दिया जलाना व्यक्ति एवं उसके परिवार के लिए मंगलकारी होता है.