शिमला एयरपोर्ट पर एक बड़ा विमान हादसा होते-होते टल गया, जब रिलायंस एयर की एटीआर फ्लाइट ने आधे रनवे पर लैंड किया और इमरजेंसी ब्रेक से रोका गया। इस फ्लाइट में हिमाचल प्रदेश के उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री और राज्य के पुलिस प्रमुख (DGP) भी सवार थे। यह फ्लाइट दिल्ली से शिमला आई थी और एयरपोर्ट पर लैंडिंग के दौरान एक बड़ा हादसा होने की संभावना थी, लेकिन विमान चालक की तत्परता और सही समय पर इमरजेंसी ब्रेक लगाने की वजह से बड़ा नुकसान होने से बच गया।
हादसे के बाद सभी को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया, और विमान की स्थिति की जांच की जा रही है। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, विमान को रनवे पर लैंडिंग करते समय कुछ तकनीकी समस्याएं आईं, जिसके कारण उसे पूरा रनवे कवर नहीं किया जा सका। हालांकि, पायलट की सूझबूझ से विमान को इमरजेंसी ब्रेक से रोका गया, जिससे किसी भी प्रकार की दुर्घटना से बचाव हुआ।
हादसे के बाद सुरक्षा इंतजामों की जांच
इस घटना ने शिमला एयरपोर्ट पर सुरक्षा इंतजामों की जांच की आवश्यकता को उजागर किया है। इस तरह की घटनाएं दर्शाती हैं कि हवाई यात्रा के दौरान अत्यधिक सतर्कता और प्रबंध की जरूरत होती है, खासकर पहाड़ी इलाकों में जहां मौसम और भौगोलिक स्थिति विमान संचालन में चुनौतियां पेश करती हैं।
उप मुख्यमंत्री और DGP थे सवार
हिमाचल प्रदेश के उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री और DGP भी इस फ्लाइट में सवार थे, लेकिन शुक्र है कि उन्हें कोई चोट नहीं आई। इस घटना के बाद राज्य सरकार ने एयरपोर्ट और विमानन अधिकारियों से घटना की रिपोर्ट मांगी है और भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए सुरक्षा उपायों की समीक्षा करने का आदेश दिया है।
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शिमला एयरपोर्ट पर हुए इस घटना ने एक बार फिर विमानन सुरक्षा के महत्व को सामने ला दिया है। हालांकि यह घटना एक बड़ी दुर्घटना बनने से बच गई, लेकिन यह हवाई यात्रा से जुड़ी चुनौतियों को उजागर करती है। इस प्रकार की घटनाओं से बचने के लिए विमानन विभाग और एयरपोर्ट अधिकारियों को लगातार सुरक्षा मानकों को सुधारने और निगरानी बढ़ाने की जरूरत है।