पंचायती राज मंत्रालय अब ग्रामीण भारत में शासन को और अधिक समावेशी और सुलभ बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाने जा रहा है। मंत्रालय ने इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले राष्ट्रीय भाषा अनुवाद मिशन – भाषिणी के साथ एक महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर करने की घोषणा की है। यह समझौता 19 जून 2025 को कॉन्स्टिट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया एनेक्सी, नई दिल्ली में किया जाएगा।
इस अवसर पर केंद्रीय राज्य मंत्री प्रो. एस.पी. सिंह बघेल (पंचायती राज, मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी), पंचायती राज मंत्रालय के सचिव श्री विवेक भारद्वाज, इलेक्ट्रॉनिकी और आईटी मंत्रालय के सचिव श्री एस. कृष्णन, और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहेंगे।
गांवों तक एआई-आधारित बहुभाषी तकनीक की पहुंच
इस सहयोग का उद्देश्य है आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस-संचालित भाषा प्रौद्योगिकियों का उपयोग करके पंचायती राज शासन में भाषाई समावेशिता को बढ़ाना। इससे मंत्रालय के डिजिटल प्लेटफॉर्म, पोर्टलों, और आउटरीच कार्यक्रमों को बहुभाषी बनाया जा सकेगा, जिससे देश के विभिन्न कोनों में रहने वाले नागरिक अपनी मातृभाषा में योजनाओं, सेवाओं और कार्यक्रमों से जुड़ सकें।
पंचायती राज मंत्रालय की डिजिटल पहल को मिलेगा नया आयाम
यह समझौता मंत्रालय के डिजिटल मिशन में नई ऊर्जा का संचार करेगा। पंचायतों से जुड़ी सूचनाएं, योजनाएं, प्रशिक्षण सत्र और संवाद अब स्थानीय भाषाओं में उपलब्ध होंगे। इसका सीधा लाभ निर्वाचित प्रतिनिधियों, पदाधिकारियों और ग्रामीण जनता को मिलेगा, जो अब अपनी भाषा में नीतियों को समझ सकेंगे और उनमें भागीदारी कर सकेंगे।
सशक्त पंचायती व्यवस्था की दिशा में एक मजबूत कदम
यह साझेदारी पंचायती राज संस्थाओं को डिजिटल रूप से सशक्त बनाने के लिए एक मजबूत आधार तैयार करेगी। साथ ही, यह सहभागी लोकतंत्र को भी मजबूती प्रदान करेगी, जहां जनता न केवल योजनाओं को समझ सकेगी, बल्कि उनके निर्माण और कार्यान्वयन में सक्रिय भागीदारी भी कर पाएगी।
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‘भाषिणी’ के साथ यह समझौता न केवल तकनीक और शासन के मेल का उदाहरण है, बल्कि यह गांवों तक डिजिटल पहुंच और संवाद के लोकतंत्रीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर भी साबित होगा। आने वाले समय में, यह सहयोग ग्रामीण भारत को वास्तव में समावेशी, पारदर्शी और सहभागिता आधारित शासन प्रणाली से जोड़ने में अहम भूमिका निभाएगा।