वरुण गांधी ने लोकसभा चुनाव नहीं लड़ने का बड़ा फैसला किया है। हालांकि वो अपनी मां मेनका गांधी के लिए सुल्तानपुर में चुनाव प्रचार करेंगे। आपको बताते चलें की तीन बार के सांसद वरुण गांधी को भाजपा ने इस बार टिकट नहीं दिया है। वरुण की जगह पीलीभीत से कांग्रेस छोड़कर आए जितिन प्रसाद को बीजेपी ने उम्मीदवार बनाया है।
वरुण गांधी को लेकर कयास लगाया जा रहा था कि वे निर्दलीय मैदान में उतर सकते हैं और उनको समाजवादी पार्टी का समर्थन मिल सकता है। लेकिन उनके टीम की ओर से कहा गया है कि वो पीलीभीत से चुनाव नहीं लड़ेंगे। वे अपनी मां का चुनाव प्रचार करेंगे। हालांकि उन्होंने दिल्ली से नामांकन पत्र भी खरीद लिया था।
अधीर रंजन चौधरी ने दिया था कांग्रेस में आने का न्योता
कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने वरुण गांधी को कांग्रेस में आने का न्योता दिया है। उन्होंने कहा कि वरुण गांधी को कांग्रेस में शामिल हो जाना चाहिए। अगर वो कांग्रेस में आते हैं तो हमें खुशी होगी। वरुण एक कद्दावर एवं काबिल नेता हैं। उनका गांधी परिवार से सम्बन्ध है इसलिए बीजेपी ने उनका टिकट काटा है। अधीर रंजन चौधरी के बयान पर यूपी बीजेपी के अध्यक्ष चौधरी भूपेंद्र सिंह ने कहा कि वरुण गांधी बीजेपी के सच्चे सिपाही हैं। पूरा भरोसा है कि वह बीजेपी में ही रहेंगे। वह गांधी परिवार से आते हैं लेकिन बीजेपी ने ही उन्हें तीन बार सांसद बनाया है।
यह भी पढ़ें: बीजेपी ने वरुण गांधी का टिकट काटा, पीलीभीत से हैं सांसद
वरुण गांधी बीजेपी से कब-कब सांसद रहे हैं?
वरुण गांधी बीजेपी में साल 2004 में शामिल हुए थें। बीजेपी ने 2009 लोकसभा चुनाव में वरुण को पहली बार पीलीभीत से टिकट दिया था ओर वे सांसद बने थें। 2014 में उन्हें उनकी मां की सीट सुल्तानपुर से टिकट मिला ओर फिर सांसद बनें। पार्टी ने एकबार फिर 2019 में उन्हें उनकी पुरानी सीट पीलीभीत से टिकट दिया ओर वे सांसद बनें। इस बार पार्टी ने उनकी टिकट काट दी है। वरुण गांधी की टिकट कटने की वजह पिछले सालों में सरकार के नीतियों के खिलाफ किसान ओर नौजवान के हक़ में उनका आवाज उठाना रहा है।