देश आज अपना 76वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। 26 जनवरी 1950 को भारत का संविधान लागू हुआ, जिसने भारत को लोकतांत्रिक, धर्मनिरपेक्ष और संप्रभु गणराज्य घोषित किया। यह दिन भारतीय संविधान के निर्माताओं, विशेषकर डॉ. भीमराव अंबेडकर, और स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के योगदान को याद करने और उनके प्रति सम्मान व्यक्त करने का अवसर है।
गणतंत्र दिवस भारत की लोकतांत्रिक प्रणाली का उत्सव है, जहां जनता द्वारा, जनता के लिए, और जनता के शासन की स्थापना हुई। हर साल, किसी विदेशी राष्ट्राध्यक्ष को गणतंत्र दिवस परेड में मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया जाता है। इस साल इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबिआंतो मुख्य अतिथि के रूप में देश की सैन्य शक्ति और सांस्कृतिक विरासत की झलक देखेंगे।
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कर्तव्य पथ पर भव्य परेड आयोजित की जाती है। इस परेड में भारतीय सेना, नौसेना, वायुसेना, और विभिन्न राज्यों की झांकियां भारत की सांस्कृतिक विविधता और सैन्य शक्ति को प्रदर्शित करती हैं।
अदम्य साहस के पुरस्कार
वीरता पुरस्कार, जैसे परमवीर चक्र, अशोक चक्र और बाल वीरता पुरस्कार, गणतंत्र दिवस पर दिए जाते हैं। प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति द्वारा तिरंगा फहराया जाता है, और उसके साथ 21 तोपों की सलामी दी जाती है।
इस वर्ष की खास बातें
‘मेक इन इंडिया’ का प्रदर्शन:
भारतीय सेना द्वारा स्वदेशी हथियारों और उपकरणों का प्रदर्शन किया जा रहा है।
‘डिजिटल इंडिया’ पर फोकस:
झांकियों और परेड में तकनीकी प्रगति, जैसे 5जी, डिजिटल भुगतान, और स्टार्टअप संस्कृति को उजागर किया जाएगा।
पर्यावरण के प्रति प्रतिबद्धता:
इस साल की झांकियां और परेड में पर्यावरण संरक्षण और हरित ऊर्जा को बढ़ावा देने पर विशेष ध्यान दिया गया है।
क्या है इतिहास में 26 जनवरी?
26 जनवरी 1930 को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने पूर्ण स्वराज (पूर्ण स्वतंत्रता) की मांग की थी। इस ऐतिहासिक घटना की स्मृति में 26 जनवरी को संविधान लागू करने के लिए चुना गया। भारत का 76वां गणतंत्र दिवस न केवल हमारे संविधान और लोकतांत्रिक मूल्यों का उत्सव है, बल्कि यह भारत की प्रगति, संस्कृति, और एकता का भी प्रतीक है।