चार राज्य मध्यप्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना विधानसभा चुनाव के नतीजे आ चुके हैं। इन चार राज्यों में से तीन राज्य मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में बीजेपी को जीत मिली है और कांग्रेस को केवल तेलंगाना से संतोष करना पड़ा। कांग्रेस ने राजस्थान और छत्तीसगढ़ में सरकार खोई है और मध्यप्रदेश में बीजेपी की 18 सालों की सरकार को हरा पाने में नाकाम साबित हुई है। वहीं तेलंगाना में कांग्रेस ने भारत राष्ट्र समिति (BRS) की दस सालों की सरकार को हराकर सत्ता में आई है।
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की हार का कारण
कांग्रेस पार्टी के साथ-साथ पत्रकार और लोगों के लिए सबसे अप्रत्याशित नतीजा छतीसगढ़ का रहा। यहां सभी का मानना था कि कांग्रेस आसानी से सरकार बना लेगी लेकिन हुआ इसके उलट। बीजेपी को 54 कांग्रेस को 35 और अन्य को 01 सीट मिली। छत्तीसगढ़ में कुल विधानसभा की सीटों की संख्या 90 है और बहुमत के लिए 46 सीटों की जरुरत होती है। छत्तीसगढ़ में भाजपा को 46.3% और कांग्रेस को 42.2% मत मिला।
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भूपेश बघेल और टी एस सिंहदेव के बीच मतभेद
कांग्रेस को बघेल और सिंहदेव के बीच का टसल महंगा पर गया। इन दोनों के बीच मुख्यमंत्री के पद को लेकर चल रहा टसल पांच साल तक चला। 2018 में कांग्रेस आलाकमान को दोनों ने कहा था कि ढ़ाई-ढ़ाई साल के लिए सीएम रहेंगे लेकिन जब समय आया तो बघेल तैयार नहीं हुए और सिंहदेव को उप मुख्यमंत्री के पद से संतोष करना पड़ा। 2018 में सिंहदेव के क्षेत्र सरगुजा से कांग्रेस को सभी 14 सीटों पर जीत मिली थी, उस सभी सीटों के साथ ही टी एस सिंहदेव की सीट पर पार्टी को हार का सामना करना पड़ा है।
कैडर का निष्क्रिय हो जाना
एक तरफ जहां भाजपा का कैडर यह सुनकर सक्रिय हो गया कि बीजेपी कांग्रेस से पिछड़ रही रही है वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस का कार्यकर्त्ता यहां तक की खुद मुख्यमंत्री और नेता भी कांग्रेस की सरकार बनने की मुगालते में रहे जिसके कारण संगठन निष्क्रिय रहा और आसानी से मिलने वाली जीत कांग्रेस की हार में बदल गई।
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