कांग्रेस सांसद रणदीप सुरजेवाला ने किसानों के मुद्दों पर राज्यसभा में अपनी बात रखते हुए कहा कि वित्त मंत्री ने किसानों को लागत पर 50% मुनाफा दिए जाने की बात कही। लेकिन CACP की रिपोर्ट के मुताबिक MSP खरीफ का C2+50% नहीं है। ऐसी एक भी फसल नहीं जिसके लिए लागत पर 50% मुनाफा दिया गया हो। इस बारे में वित्त मंत्री ने संसद में सरेआम झूठ बोला है। मोदी सरकार MSP तो घोषित करती है, लेकिन MSP पर फसल ही नहीं खरीदती।
सुरजेवाला ने कहा कि वित्त मंत्री ने बजट भाषण की शुरुआत किसान, गरीब और युवा से की। लेकिन चंद मिनट बाद ही पता चला कि यह कुर्सी बचाओ, सहयोगी दल पटाओ और हार का बदला लेते जाओ बजट है। यह बजट खेत, खेती और खेतिहर विरोधी है। 10 साल में इस सरकार ने देश के 72 करोड़ किसान-मजदूर को पीठ पर लाठी और पेट पर लात मारी है।
PM मोदी ने किसानों से वादा किया था:
• किसान को लागत पर 50% मुनाफा मिलेगा
• 2022 तक किसान की आय दोगुनी होगी
लेकिन आज कड़वी सच्चाई है कि किसान को लागत पर 50% मुनाफा नहीं मिलता। घोषित MSP पर फसल नहीं खरीदी जाती और देश के हर किसान पर 74 हजार का कर्ज है।
कांग्रेस सांसद सुरजेवाला ने मोदी सरकार आरोप लगाया कि सरकार बजट के अंदर सिर्फ बड़ी-बड़ी स्कीम बनाती है, लेकिन कभी उसका पैसा खर्च नहीं करती। उन्होंने कहा कि सरकार ने किसानों से जुड़ी योजनाओं का 3 लाख करोड़ रुपए कभी खर्च ही नहीं किया। इसके साथ ही उन्होंने योजना और उस पर खर्च नहीं होने वाली राशि का का ब्योरा भी दिया।
पीएम किसान योजना-
इसका कुल बजट था 40,3,000 करोड़ रुपए, लेकिन खर्च सिर्फ 2,34,783 करोड़ रुपए किए गए। यानि 48% पैसा अपने पास रख लिया।
इंट्रेस्ट सब्सिडी फॉर शॉर्ट टर्म क्रेडिट टू फार्मर्स-
इसका कुल बजट था 1,68,743 करोड़ रुपए, लेकिन खर्च किए गए सिर्फ 1,11,423 करोड़ रुपए। यानि 34% पैसा अपने पास रख लिया।
राष्ट्रीय कृषि विकास योजना-
इसका कुल बजट 54,543 करोड़ रुपए था, लेकिन खर्च किए सिर्फ 27,385 करोड़ रुपए। यानि 50% पैसा अपने पास रख लिया।
नेशनल हॉर्टिकल्चर मिशन-
इसका कुल बजट 19,478 करोड़ रुपए, लेकिन खर्च किए सिर्फ 14,108 करोड़ रुपए।
पीएम फसल बीमा योजना-
इसका कुल बजट 1,22,050 करोड़ रुपए, लेकिन खर्च किए सिर्फ 88,635 करोड़ रुपए। यानि 28% पैसा अपने पास रख लिया।
35% से अधिक किसान PM किसान सम्मान निधि से वंचित
सुरजेवाला ने कहा कि आज देश के 35% से अधिक किसान PM किसान सम्मान निधि से वंचित हैं। साल 2018 के एग्रीकल्चर सेन्सस के मुताबिक, देश में 14.64 करोड़ किसान थे। लेकिन जब योजना शुरू हुई तो केवल 11 करोड़ किसानों को क़िस्त दी गई।
यानी पहले दिन ही 3 करोड़ से ज्यादा किसान इस योजना से बाहर कर दिए गए।
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• 2021-22 में 10.79 करोड़ किसानों को यह किस्त दी गई।
• बीते 8 जून को इसकी 17वीं क़िस्त 9.26 करोड़ किसानों को दी।
यानी देश के कुल 5.17 करोड़ किसान सम्मान निधि से वंचित हैं।