अयोध्या में राम जन्मभूमि मंदिर के प्रथम तल पर आज ऐतिहासिक क्षण देखने को मिला जब राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा विधिवत रूप से सम्पन्न हुई। इस शुभ अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की उपस्थिति में वैदिक मंत्रोच्चार के साथ मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम, माता सीता, लक्ष्मण जी और पवनपुत्र हनुमान जी की प्रतिमाएं स्थापित की गईं।
प्रथम तल पर स्थित इस राम दरबार में धार्मिक परंपराओं के अनुसार 101 वैदिक आचार्यों ने मंत्रोच्चार के साथ प्राण प्रतिष्ठा की विधि पूर्ण कराई। राम दरबार की पहली झलक सामने आने के साथ ही श्रद्धालुओं में उत्साह की लहर दौड़ गई। मंदिर ट्रस्ट ने इस अवसर पर राम दरबार की एक विशेष तस्वीर साझा करते हुए संस्कृत श्लोक के माध्यम से भगवान श्रीराम को नमन किया।
भव्य सजावट और व्यापक तैयारियां
पूरे राम मंदिर परिसर को दीपों, फूलों और पारंपरिक सजावटी वस्तुओं से भव्य रूप से सजाया गया है। आयोजन में भाग लेने के लिए देश-विदेश से हजारों श्रद्धालु अयोध्या पहुंचे हैं। मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा और व्यवस्था के व्यापक इंतजाम किए हैं।

सुरक्षा के चाक-चौबंद प्रबंध
एसपी सुरक्षा बलरामाचारी दुबे ने बताया कि मंदिर परिसर को पूरी तरह सुरक्षित बनाया गया है। मंदिर की निगरानी आधुनिक तकनीकी उपकरणों के माध्यम से की जा रही है। सुरक्षा व्यवस्था में एटीएस, सीआईएसएफ, पीएसी और सिविल पुलिस की टीमों को तैनात किया गया है। मंदिर निर्माण प्रभारी गोपाल राव ने भी व्यवस्थाओं का जायजा लिया।
धार्मिक वातावरण और जनभावनाएं
महंत मिथिलेश नंदिनी शरण ने इस अवसर पर कहा कि यह अत्यंत हर्ष का विषय है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जैसे संन्यासी नेतृत्वकर्ता ने प्रदेश की धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत को सशक्त किया है। उन्होंने कहा कि श्रीराम के राज्याभिषेक की तरह यह भी एक ऐतिहासिक क्षण है, जिसे देखने देश-विदेश के श्रद्धालु उमड़े हैं।
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राम मंदिर में यह आयोजन न केवल आध्यात्मिक रूप से महत्वपूर्ण है, बल्कि देश की सांस्कृतिक चेतना का प्रतीक भी बन गया है। अयोध्या एक बार फिर भक्ति, श्रद्धा और संस्कृति की राजधानी के रूप में जगमगा रही है।