मोहन यादव होंगे मध्यप्रदेश के अगले मुख्यमंत्री। भाजपा नेतृत्व ने एकबार फिर सबको चौंकाया। आज शाम को भाजपा विधायक दल की बैठक में उनके नाम का प्रस्ताव रखा गया जिसे सर्वसम्मति से पास किया गया। सीएम शिवराज सिंह चौहान ने उनके नाम का प्रस्ताव रखा।
पूर्व कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को विधानसभा का अध्यक्ष बनाया गया है। इसके साथ ही दो उपमुख्यमंत्री भी बनाया गया है, जिनका नाम राजेंद्र शुक्ला और जगदीश देवड़ा है।
मध्यप्रदेश के अगले मुख्यमंत्री होने वाले
मोहन यादव ओबीसी समाज से आते हैं। शिवराज सिंह भी ओबीसी समाज से ही आते है। ओबीसी की राजनीति देश में फिर एकबार उभरी है इसलिए ओबीसी के जगह ओबीसी को बैठाया गया है।
अगले मुख्यमंत्री मोहन यादव उज्जैन दक्षिण से तीसरी बार विधायक बने हैं। सबसे पहले वे 2013 में विधायक बने, फिर 2018 में विधायक बने। 2020 में ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस से बगावत के बाद बनी शिवराज सिंह की सरकार में उन्हें उच्च शिक्षा का मंत्री बनाया गया। 2023 के विधासभा चुनाव में उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी चेतन प्रेम को 12941 वोटों से हराया है।
उनका जन्म 25 मार्च 1965 को उज्जैन में हुआ था। वे बीजेपी से लंबे समय से जुड़े रहे हैं। उन्होंने अपनी राजनीति की शुरुआत छात्र जीवन में ही कर दी थी। 1984 में वे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के उज्जैन के नगर मंत्री बने।
वह 1993-1995 में आरएसएस (उज्जैन) शाखा के सह कार्यवाह बने। 1997 में भाजयुमो की प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य बने। मोहन यादव ने 2023 में चुनाव आयोग कि दिए हलफनामे में बताया है कि उनके पास 42 करोड़ से अधिक की संपत्ति है. इसमें से लगभग 10 करोड़ की चल और 32 करोड़ की अचल संपत्ति है। उनके ऊपर एक भी क्रिमिनल केस नहीं है।
शिवराज सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री के पद से अपना इस्तीफा राज्यपाल को दे दिया जिसे स्वीकार भी कर लिया गया। इसी के साथ शिवराज सिंह के 16 साल से अधिक का राज समाप्त हो गया। कयास लगाया जा रहा है कि शिवराज सिंह चौहान को केंद्र में लाया जा सकता है या किसी राज्य का राज्यपाल बनाया जा सकता है।