प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज पुराने संसद भवन के सेंट्रल हॉल में दोनों सदनों के सदस्य को सम्बोधित किया। इस अवसर पर पीएम मोदी ने कहा की इस भवन की गरिमा कम न हो इस लिए इस पुरानी संसद भवन को संविधान सदन का नाम दिया जाय जिससे की भविष्य में इसकी गरिमा बना रहे।
पीएम मोदी ने अपने भाषण की शुरुआत गणेश चतुर्थी की शुभकामनाओं के साथ की। उन्होंने कहा कि नए संसद भवन में हम नए भविष्य का श्री गणेश करने जा रहे हैं।आज हम यहां विकसित भारत का संकल्प दोहराकर फिर एक बार संकल्पबद्ध होकर और उसको पूर्ण करने के इरादे से नए भवन की तरफ प्रस्थान कर रहे हैं। ये भवन और उसमें भी यह सेट्रल हॉल एक प्रकार से हमारी भावनाओं से भरा हुआ है। हमे भावुक भी करता है और हमें हमारे कर्तव्य के लिए प्रेरित भी करता है।आजादी के पूर्व ये खंड एक प्रकार से लाइब्रेरी के रूप में इस्तेमाल होता था। बाद में यहां संविधान सभा की बैठक शुरू हुई।उसमें गहन चर्चा करके हमारे संविधान ने यहीं पर आकार लिया।
#Live । संसद में बनने वाला हर कानून, संसद में होने वाली हर चर्चा, संसद से जाने वाला हर संकेत। इंडियन इंस्पिरेशन को बढ़ावा देने वाला होना चाहिए। @narendramodi@ombirlakota @PMOIndia @VPIndia#SpecialParliamentSession pic.twitter.com/2mPYtkrGcU
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संसद को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यहीं पर 1947 में अंग्रेजी हुकूमत ने सत्ता हस्तांतरण किया। यह सेंट्रल हॉल उस प्रकिया का भी साक्षी है। हमारे राष्ट्रगान और तिरंगे को भी यहीं अपनाया गया। यहीं पर चार हजार से ज्यादा कानून पास हुए। इसी संसद में मुस्लिम बहन बेटियों को न्याय की जो प्रतीक्षा थी, शाहबानों केस के कारण गाड़ी कुछ उलटी पाटी पर चल गई थी। इसी सदन ने हमारी उस गलती को ठीक किया। 1952 के बाद दुनिया के करीब 41 राष्ट्राध्यक्षों ने केंद्रीय कक्ष में आकर हमारे माननीय सांसदों को संबोधित किया है। हमारे राष्ट्रपति महोदयों के द्वारा 86 बार संबोधित किया गया है।
कांग्रेस अध्यक्ष एवं राज्य सभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने क्या कहा ?
मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि हम सभी आज यहां इस ऐतिहासिक सेंट्रल हॉल में भारत की संसद की समृद्ध विरासत का जश्न मनाने के लिए एकत्र हुए हैं। इसी सेंट्रल हॉल में संविधान सभा की बैठक 1946 से 1949 तक हुई थी। आज हम विनम्रतापूर्वक डॉ. राजेंद्र प्रसाद, पंडित जवाहरलाल नेहरू, सरदार वल्लभभाई पटेल और बीआर अंबेडकर के योगदान को याद करते हैं। हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आभारी हैं कि उन्होंने कल अपने भाषण में बोलते हुए नेहरू के प्रयासों का उल्लेख किया।
Regardless of party affiliations, members should unite to safeguard liberty, integrity, and the constitution, thus contributing to the nation's development – LoP @kharge @VPIndia @ombirlakota @narendramodi @PMOIndia #SpecialParliamentSession pic.twitter.com/2da7zaWoyR
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लोकसभा में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी क्या बोले ?
अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि आज हम ऐतिहासिक घटना के साक्षी बनने जा रहे हैं। अंग्रेजी हुकूमत से लेकर हमारी आजादी में अब तक हमने इस संसद के शानदार पल को अनुभव किया है। बाबा साहेब आंबेडकर ने हमें 395 आर्टिकल दिए हैं। इस अवसर का लाभ उठाते हुए, बिना किसी मलाल के और बिना कुछ कहे, मुझे कहना होगा कि मैं इस मंच पर खड़े होकर ऊंचा और उत्साहित महसूस कर रहा हूं, जिसने आकाशगंगा के बीच में ऐतिहासिक घटनाओं और कई महत्वपूर्ण घटनाओं का कारवां देखा है। ऐसे दिग्गज जिन्होंने इस प्रतिष्ठित सदन, जिसे संविधान सभा कहा जाता था, में भारत के संविधान को बनाने के लिए अपना दिमाग खपाया और कड़ी मेहनत की।
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#Live । देश में कई क्षेत्रों में चुनौतियां हैं, अगर हम सब मिलकर कोशिश करेंगे तो 2047 से पहले भी देश को विकसित राष्ट्र बना सकते हैं। @adhirrcinc@PMOIndia @narendramodi @VPIndia @ombirlakota #SpecialParliamentSession pic.twitter.com/NDMeLk0gxM
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उन्होंने कहा कि भारत की युवा आबादी को देश की आर्थिक वृद्धि और विकास में महत्वपूर्ण योगदान देने में सक्षम बनाना आवश्यक है। भारत दुनिया की सबसे ऊंची अर्थव्यवस्था होने के बावजूद, हमारी प्रति व्यक्ति जीडीपी विकसित देशों की तुलना में बहुत पीछे है। इस आर्थिक विकास की चुनौती से निपटने के लिए विकास समर्थक सरकारी नीतियों, कम मुद्रास्फीति को बढ़ावा देने, ब्याज दरों को कम करने, बेरोजगारी को कम करने, कुशल कार्यबल को बढ़ावा देने, क्रय शक्ति को बढ़ाने, मांग को प्रोत्साहित करने और स्वास्थ्य सेवा और शिक्षा क्षेत्र को बढ़ाने की आवश्यकता है।