प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज दिल्ली के प्रगति मैदान में स्थित ‘भारत मंडपम’ में अखिल भारतीय शिक्षा समागम का उद्घाटन किया। इस अवसर पर पीएम मोदी ने ‘पीएम श्री योजना’ के तहत स्कूलों के लिए पहली किस्त की धनराशि जारी की। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने पीएम मोदी का आभार जताते हुए कहा कि “PM-SHRI” योजना के अंतर्गत देशभर के चयनित 6207 स्कूलों को प्रथम चरण की प्रथम किश्त के रूप में ₹630 करोड़ हस्तांतरित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का आभार। बच्चों के उज्ज्वल भविष्य, उन्नत शिक्षा और ज्ञानार्जन को सुगम व आधुनिक बनाने में “PM-SHRI” मील का पत्थर है।
"PM-SHRI" योजना के अंतर्गत देशभर के चयनित 6207 स्कूलों को प्रथम चरण की प्रथम किश्त के रूप में ₹630 करोड़ हस्तांतरित करने के लिए PM @narendramodi जी का आभार।
बच्चों के उज्ज्वल भविष्य, उन्नत शिक्षा और ज्ञानार्जन को सुगम व आधुनिक बनाने में "PM-SHRI" मील का पत्थर है। #NEPThrivesAt3 pic.twitter.com/3GVqVtnBIh
— Smriti Z Irani (Modi Ka Parivar) (@smritiirani) July 29, 2023
मंत्रिमंडल ने 7 सितंबर, 2022 को प्रधान मंत्री स्कूल फॉर राइजिंग इंडिया (पीएम श्री) नामक एक नई केंद्र प्रायोजित योजना को अनुमोदित किया है। ये स्कूल राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के कार्यान्वयन को निरूपित करेंगे और समय के साथ उदाहरणपरक स्कूलों के रूप में उभरेंगे तथा पास पड़ोस के अन्य स्कूलों का मार्गदर्शन भी करेंगे। वे एक ऐसे समान, समावेशी और आनंदपूर्ण स्कूल परिवेश में उच्च गुणवत्तायुक्त शिक्षा प्रदान करने में अपने अपने क्षेत्रों की अगुआई करेंगे जो बच्चों की विविध पृष्ठभूमि, बहुभाषी आवश्यकताओं और विभिन्न शैक्षणिक क्षमताओं पर ध्यान देता है और उन्हें एनईपी 2020 के विजन के अनुसार अपनी स्वयं की अधिगम प्रक्रिया में सक्रिय भागीदार बनाता है।
इस योजना के तहत केंद्र सरकार/राज्य/संघ राज्य क्षेत्र सरकार/स्थानीय निकायों द्वारा प्रबंधित स्कूलों में से मौजूदा स्कूलों को मजबूत करके 14500 से अधिक पीएम श्री स्कूलों की स्थापना का प्रावधान है।
योजना की अवधि 2022-23 से 2026-27 तक प्रस्तावित है; जिसके बाद इन स्कूलों द्वारा प्राप्त किए गए बेंचमार्क को बनाए रखने की जिम्मेदारी राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों की होगी। इस योजना से 20 लाख से अधिक छात्रों के प्रत्यक्ष लाभार्थी होने की उम्मीद है। 5 वर्ष की अवधि में परियोजना की कुल लागत Rs. 27360 करोड़ होगी जिसमें केंद्रीय हिस्सा Rs. 18128 करोड़ शामिल है।