बुधवार को हुई संसद की सुरक्षा में चूक के बाद आज करवाई का दिन था। संसद के सुरक्षा में लगे 8 सुरक्षा कर्मी को निलंबित कर दिया गया है। संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने वाले 6 आरोपियों पर UAPA के तहत केस दर्ज कर लिया गया है। इसके साथ ही संसद के दोनों सदनों में विपक्षी सांसदों द्वारा गृह मंत्री अमित शाह के बयान और पास दिलवाने वाले भाजपा सांसद प्रताप सिम्हा के इस्तीफे की मांग की गई। संसद में विरोध प्रदर्शन कर रहे 15 सांसदों को निलंबित कर दिया गया।
संसद में विरोध प्रदर्शन के कारण विपक्ष के जिन 15 सांसदों को सस्पेंड किया गया है, उनमें से 9 कांग्रेस, 2 सीपीएम, 2 डीएमके और एक सीपीआई पार्टी से हैं। कांग्रेस पार्टी के सस्पेंड किये गए सांसदों की सूची में टीएन प्रतापन, हिबी इडेन, एस जोतिमणि, रम्या हरिदास और डीन कुरियाकोस का नाम शामिल है। इन सांसदों के निलंबन का प्रस्ताव संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी द्वारा लाया गया था, जिसे उस समय सदन की अध्यक्षता कर रहे भर्तृहरि महताब ने पारित किया। इन सांसदों को शीतकालीन सत्र के बचे हुए दिनों के लिए निलंबित किया गया है। इस दौरान विपक्ष के सांसद लगातार सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए देखे गए।
इसके साथ हीं राज्यसभा में तृणमूल कांग्रेस के सांसद डेरेक ओ ब्रायन को सत्र के बचे हुए दिनों के लिए निलंबित कर दिया गया है। इस मामले में टीएमसी ने कहा कि भाजपा जवाबदेही से बचती है।
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लोकसभा की सुरक्षा में सेंध लगाने वाले युवक को पकड़ने और उसका जमकर धुनाई करने वालों में अग्रणी रहे राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के अध्यक्ष और नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने पंचायती टाइम्स से बात करते हुए सरकार पर गंभीर आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि कुल 8 लोग थें लेकिन सरकार सिर्फ 6 लोग ही बता रही है। सभी बीजेपी सांसद के पास पर आए थें इसलिए सरकार और लोकसभा अध्यक्ष उसका बचाव कर रहे हैं। इसके साथ उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री अपना नाम बनने के लिए जल्दीबाजी में सुरक्षा को नजरअंदाज करके नए सांसद भवन को बनाया गया है।