पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग, बिहार ने वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए “जलाशय मात्स्यिक विकास योजना” के अन्तर्गत आवेदन आमंत्रित किया है।
योजना का उद्देश्य :-
योजना का मुख्य उद्देश्य राज्य के जलाशयों में संचयन आधारित मत्स्य प्रग्रहण एवं केज / पेन आधारित मत्स्य पालन तकनीक के द्वारा जलाशय के मत्स्य उत्पादकता एवं उत्पादन को बढ़ाना है।
योजना का क्रियान्वयन :-
जलाशय मात्स्यिक विकास योजना का क्रियान्वयन दक्षिणी बिहार के जिलों में लागू की जायेगी जहां जलाशय अवस्थित है। इसमें बांका, नवादा, जमुई, सासाराम, कैमूर, मुंगेर, लखीसराय आदि प्रमुख है।
“जलाशय मात्स्यिक विकास योजना” की रुपरेखा
इस योजना की रुपरेखा इस प्रकार है कि “मत्स्य अंगुलिका संचयन” के लिए लागत 6,000 रुपया प्रति हेक्टेयर, जलाशय में केज का अधिष्ठापन के लिए 3 लाख रुपया प्रति केज और जलाशय में पेन का अधिष्ठापन के लिए 10 लाख 50 हजार रुपया प्रति पेन लागत सरकार के द्वारा तय किया गया है।
अनुदान दय :-
इस योजना के अन्तर्गत सभी प्रकल्पों पर सही वर्गों को इकाई लागत की 70 प्रतिशत अनुदान देय है। शेष राशि लाभार्थी के द्वारा बैंक ऋण / स्वयं के द्वारा वहन किया जायेगा।
लाभार्थी का चयन :-
जलाशय का बन्दोबस्तदार, व्यक्तिगत रुप से / समूह में इसके आवेदक होंगे।
समूह में पेन / केज विशेष हेतु अथवा दोनों के लिए आवेदन किया जा सकेगा। समूह में आवेदन जलाशय के बन्दोबस्तधारी के माध्यम से किया जाएगा।
व्यक्तिगत लाभुक को केज के लिए अधिकतम 18 केज तथा समूह में 06 केज प्रति सदस्य की दर से अधिकतम 72 केज अधिष्ठापन की अनुमान्यता होगी।
जलाशय पट्टेदार के माध्यम से एक पेन समूह को एक पेन / आरएफएफ की अनुमान्यता होगी।
आवेदन की प्रक्रिया :-
योजना हेतु आवेदन fisheries.bihar.gov.in पर ऑनलाइन प्राप्त किये जायेंगे। आवेदन करने की अंतिम तिथि 31.07.2023 है।