भारत के दो शहरों को यूनेस्को ने अपनी वेबसाइट के माध्यम से 55 क्रिएटिव शहरों की सूची में शामिल किया है। उन दो शहरों में मध्यप्रदेश के ग्वालियर शहर को और केरल के कोझिकोड को स्थान मिला है। आज मध्यप्रदेश की स्थापना दिवस है और इस अवसर पर मध्यप्रदेश वासियों को यूनेस्को ने बड़ी सौगात देते हुए ग्वालियर को संगीत की विरासत के लिए “सिटी ऑफ़ म्यूजिक” का दर्जा मिला है। इसके साथ ही केरला के शहर कोझिकोड को “साहित्य का शहर” के लिए चुना गया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ग्वालियर और संगीत का बहुत खास रिश्ता है। UNESCO से इसे सबसे बड़ा सम्मान मिलना बहुत गर्व की बात है। ग्वालियर ने जिस प्रतिबद्धता के साथ संगीत की विरासत को संजोया और समृद्ध किया है, उसकी गूंज दुनियाभर में सुनाई दे रही है। मेरी कामना है कि इस शहर की संगीत परंपरा और उसे लेकर लोगों का उत्साह और बढ़े, ताकि आने वाली पीढ़ियों को इससे प्रेरणा मिलती रहे।
भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने ग्वालियर को संगीतों का शहर चुने जाने पर मध्यप्रदेश की जनता को बधाई देते हुए कहा कि ‘संगीत सम्राट तानसेन’ की जन्मस्थली ग्वालियर को मिली यह मान्यता हमारे प्राचीन कला जगत व सांस्कृतिक विरासत का सम्मान है। यह उपलब्धि विश्व पटल पर ग्वालियर सहित राज्य की अलौकिक संस्कृति, संगीत व साहित्य को अद्वितीय पहचान देगी, साथ ही प्रदेशवासियों के लिए संभावना और अवसर के नए द्वार खोलेगी।
ग्वालियर को ये मान्यता देने के लिए मध्यप्रदेश के टूरिज्म विभाग ने यूनेस्को को प्रस्ताव भेजा था। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ट्वीट कर कहा कि मध्य प्रदेश स्थापना दिवस के अवसर पर प्रदेश खासकर ग्वालियर-वासियों के लिए एक गौरव भरा ऐतिहासिक पल! मुझे यह बताते हुए अत्यंत प्रसन्नता हो रही है कि यूनेस्को द्वारा ग्वालियर को “सिटी ऑफ़ म्यूजिक” की मान्यता दी गई है।
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यह उपलब्धि भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय व मध्यप्रदेश के टूरिज्म विभाग के साथ मिलकर किये गए हमारे अथक प्रयासों का परिणाम है। ग्वालियर की यह उपलब्धि विश्व पटल पर मध्य प्रदेश की एक नई पहचान स्थापित करेगी और विकास व रोज़गार के नये द्वार खोलेगी। सभी प्रदेश वासियों को इस ऐतिहासिक उपलब्धि की अनंत बधाई तथा स्थापना दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।