प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्र सरकार की योजनाओं का लाभ लोगों तक पहुंचाने के उद्देश्य से 15 नवंबर को झारखंड के खूंटी से विकसित भारत संकल्प यात्रा का शुभारंभ किया था। डाक विभाग, स्वास्थ्य विभाग और अन्य विभागों द्वारा विभिन्न शिविर तात्कालिक सेवा-सुविधा के लिए लगाए जा रहे हैं। इस यात्रा का उद्देश्य सरकार की प्रमुख योजनाओं के बारे में लोगों को सूचित, जागरूक करना एवं कल्याणकारी योजनाओं लाभ लोगों तक पहुँचाना है।
विकसित भारत संकल्प यात्रा के तहत ऑन-स्पॉट सेवाओं के तहत ग्राम पंचायतों में आईईसी वैन के रुकने वाले स्थानों पर स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन किया जा रहा है।
पहले सप्ताह में, 21 नवंबर 2023 तक, 203 ग्राम पंचायतों में 1232 स्वास्थ्य शिविर आयोजित किए गए हैं, जिसमें कुल 1,66,000 से अधिक लोग उपस्थित हुए।
स्वास्थ्य शिविरों में निम्नलिखित सेवाएं दी जा रही:
आयुष्मान भारत – प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी-पीएमजेएवाई): विकसित भारत संकल्प यात्रा के लिए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की प्रमुख योजना के तहत, आयुष्मान ऐप का उपयोग करके आयुष्मान कार्ड बनाए जा रहे हैं और लाभार्थियों को कार्ड वितरित किए जा रहे हैं। पहले सप्ताह के अंत तक शिविरों में 33,000 से अधिक आयुष्मान कार्ड बनाए गए और 21,000 से अधिक कार्ड वितरित किए गए।
तपेदिक (टीबी): उपलब्धता के आधार पर लक्षणों, बलगम परीक्षण और एनएएटी मशीनों का उपयोग करके टीबी के रोगियों की जांच की जा रही है। जिन मामलों में टीबी होने का अंदेशा होता है, तो मरीजों को उच्च सुविधाओं के लिए रेफर किया जाता है। पहले सप्ताह के अंत तक, 41,000 से अधिक लोगों की जांच की गई, जिनमें से 4,000 से अधिक को उच्च सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए रेफर किया गया।
प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान (पीएमटीबीएमए) के तहत टीबी से पीड़ित मरीजों को निक्षय मित्रों से सहायता प्राप्त करने के लिए सहमति ली जा रही है। निक्षय मित्र बनने के इच्छुक प्रतिभागियों का ऑन-स्पॉट पंजीकरण भी किया जा रहा है। पहले सप्ताह के अंत तक, 2,500 से अधिक रोगियों ने पीएमटीबीएमबीए के तहत सहमति दी और 1400 से अधिक नए निक्षय मित्र पंजीकृत किए गए।
निक्षय पोषण योजना (एनपीवाई) के तहत टीबी रोगियों को प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण के माध्यम से आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। इस उद्देश्य से लंबित लाभार्थियों के बैंक खाते का विवरण एकत्र किया जा रहा है और खातों को आधार से जोड़ा जा रहा है। पहले सप्ताह के अंत तक ऐसे 966 लाभार्थियों का विवरण एकत्र किया गया।
यह भी पढ़ें: मोदी की गारंटी कांग्रेस के हर झूठे वादों पर भारी: पीएम मोदी
सिकल सेल रोग: प्रमुख जनजातीय आबादी वाले क्षेत्रों में, सिकल सेल रोग (एससीडी) का पता लगाने के लिए एससीडी के लिए प्वाइंट ऑफ केयर (पीओसी) परीक्षणों के माध्यम से या घुलनशीलता परीक्षण के माध्यम से पात्र आबादी (40 वर्ष तक की आयु) की स्क्रीनिंग की जा रही है। जिन मामलों में परीक्षण से रोग का पता लगा है, ऐसे मामलों को प्रबंधन के लिए उच्च केंद्रों पर भेजा जा रहा है। पहले सप्ताह के अंत तक, 24,000 से अधिक लोगों की जांच की गई, जिनमें से 1100 लोगों में टीबी के लक्षण पाये गये। उन लोगों को उच्च सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं में भेजा गया।
गैर संचारी रोग (एनसीडी): उच्च रक्तचाप और मधुमेह के लिए पात्र आबादी (30 वर्ष और उससे अधिक) की स्क्रीनिंग की जा रही है और रोग का संदेह होने वाले मामलों को उच्च केंद्रों पर भेजा जा रहा है। पहले सप्ताह के अंत तक, लगभग 1,35,000 लोगों की उच्च रक्तचाप और मधुमेह की जांच की गई। 7000 से अधिक लोगों को उच्च रक्तचाप और 7,000 से अधिक लोगों को मधुमेह के लिए सकारात्मक होने का संदेह था। 10,000 से अधिक लोगों को उच्च सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं में भेजा गया।
श्रोत: पीआईबी