भारत और चीन के बीच देपसांग और डेमचोक इलाकों में वास्तविक नियंत्रण रेखा (Line of Actual Control) पर अपने सैनिकों को पीछे हटाने और फिर से पेट्रोलिंग शुरू करने के लिए सहमति बनी हैं। इसे मिलिट्री टर्म में डिसइंगेजटमेंट कहते हैं। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा कि पिछले कई हफ्तों से भारत और चीन के बीच राजनयिक और सैन्य स्तर पर वार्ता हो रही है। चीन के साथ एलएसी के मुद्दों पर हमारा समझौता हुआ है। सैनिकों की वापसी और स्थिति के समाधान के लिए पेट्रोलिंग की व्यवस्था की गई है। द्विपक्षीय वार्ता के मुद्दे पर हम अब भी समय और व्यस्तताओं के अनुरूप काम कर रहे हैं।
#WATCH | Delhi: On agreement on patrolling at LAC, Foreign Secretary Vikram Misri says, "…As a result of the discussions that have taken place over the last several weeks an agreement has been arrived at on patroling arrangements along the line of actual control in the… pic.twitter.com/J7L9LEi5zv
— ANI (@ANI) October 21, 2024
रूसी सेना में लगभग 20 भारतीय नागरिक
रूसी सेना में भारतीय नागरिकों की भर्ती के सवाल पर विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा कि इस मुद्दे को उच्चतम स्तर पर उठाया गया। हमारी जानकारी के अनुसार लगभग 85 भारतीय नागरिक भारत लौट आए हैं। कुछ लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी और उनके शव लौटाए गए, जिस शव बरामद हुए हैं। हमारी जानकारी के अनुसार अभी भी रूसी सेना में लगभग 20 भारतीय नागरिक हैं, वे भी जल्द भारत लौट आएंगे।
#WATCH | Delhi: Foreign Secretary Vikram Misri says, "Our embassy officials have been in close touch with the interlocutors in the Ministry of Foreign Affairs and Ministry of Defence of Russia on the issue of Indians who were illegally or otherwise contracted into fighting in the… pic.twitter.com/Y4Qr9pjZzh
— ANI (@ANI) October 21, 2024
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के निमंत्रण पर 16वें BRICS शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए कल कज़ान के लिए रवाना होंगे। ब्रिक्स के इस संस्करण का विषय है ‘न्यायपूर्ण वैश्विक विकास और सुरक्षा के लिए बहुपक्षवाद को मजबूत करना’ है। भारत BRICS में बहुत महत्व रखता है और इसके योगदान ने आर्थिक विकास, सतत विकास और वैश्विक शासन सुधार जैसे क्षेत्रों में BRICS के प्रयासों को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। पिछले साल जोहान्सबर्ग में BRICS के पहले विस्तार के बाद यह पहला शिखर सम्मेलन हो रहा है।
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा, “ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में संस्थापक सदस्यों के साथ-साथ नए सदस्य भी भाग लेंगे। शिखर सम्मेलन 22 अक्टूबर को शुरू होगा और पहले दिन शाम को नेताओं के लिए रात्रिभोज होगा। शिखर सम्मेलन का मुख्य दिन 23 अक्टूबर है जिसमें दो मुख्य सत्र होंगे- सुबह एक क्लोज प्लेनरी सेशन और उसके बाद दोपहर में एक ओपन प्लेनरी सेशन जो शिखर सम्मेलन के मुख्य विषय को समर्पित होगा। नेताओं द्वारा कज़ान घोषणा को अपनाने की भी उम्मीद है जो ब्रिक्स के लिए आगे का मार्ग प्रशस्त करेगी। शिखर सम्मेलन 24 अक्टूबर को समाप्त होगा लेकिन प्रधानमंत्री महत्वपूर्ण प्रतिबद्धताओं के कारण 23 अक्टूबर को नई दिल्ली लौटेंगे। शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री द्वारा कुछ द्विपक्षीय बैठकें करने की उम्मीद है।”