दीवाली की शुरुआत धनतेरस से हो जाती है और इस साल इसकी शुरुआत आज यानी मंगलवार से हो रही है। 29 अक्टूबर यानी आज से हो रही है। धनतेरस को धनत्रयोदशी का पर्व के नाम से भी जाना जाता है।
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धनतेरस के पर्व पर भगवान धन्वंतरि की पूजा की जाती है जिन्हें देवताओं का वैद्य भी कहा जाता है। विद्वानों की मानें तो त्रयोदशी तिथि की शुरुआत मंगलवार, 29 अक्तूबर को सुबह 10 बजकर 31 मिनट से होगी और समाप्ति दोपहर 1 बजकर 15 मिनट पर होगी। इसके बाद चतुर्दशी तिथि आरंभ हो जाएगी।
कब है खरीदारी का शुभ मुहूर्त?
विद्वानों की मानें तो इस बार धनतेरस पर अभिजीत मुहूर्त दोपहर 11 बजकर 42 मिनट से लेकर 12 बजकर 27 मिनट तक है और शाम के मुहूर्त की अगर बात करें तो 06 बजकर 36 मिनट से रात 08 बजकर 32 मिनट पर भी खरीदारी का शुभ मुहूर्त है।
मान्यताओं की मानें तो धनतेरस पर सोने-चांदी के आभूषण और बर्तन अलावा पीतल के बर्तन, लक्ष्मी-गणेश जी मूर्ति, धनिया और झाड़ू खरीदना शुभ माना जाता है।
कब है पूजा का मुहूर्त?
काशी के विद्वानों के अनुसार धनतेरस पर माता लक्ष्मी और कुबेर देवता की पूजा का शुभ मुहूर्त मंगलवार, 29 अक्तूबर को शाम को 06 बजकर 30 मिनट से लेकर रात्रि 08 बजकर 12 मिनट तक है।
पूजा के लिए जो सबसे अच्छा शुभ मुहूर्त माना जाता है वो है प्रदोष काल। जो शाम 05 बजकर 37 मिनट से लेकर रात्रि 08 बजकर 12 मिनट तक रहेगा।
धनतेरस का पर्व धन, समृद्धि और बुनियादी सामान की खरीददारी के लिए मनाया जाता है। यह दिवाली महोत्सव के पहले होता है और इसे धन त्रयोदशी के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन लोग सोने, चांदी और अन्य बहुमूल्य सामान खरीदते हैं, क्योंकि इसे शुभ माना जाता है। इस दिन भगवान धन्वंतरि की पूजा की जाती है, जो आयुर्वेद के देवता माने जाते हैं।