जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले के बाद से घाटी में तनाव जारी है। सुरक्षाबलों का एक्शन तेज है वहीं, सूत्रों के अनुसार घाटी में फिर से आतंकी हलचल देखी गई है। सूत्रों से जानकारी मिली है कि, जम्मू-कश्मीर की जेलों पर आतंकी हमले की संभावना है।
हमले की खबर मिलने के बाद से सुरक्षा एजेंसियों ने हाई अलर्ट जारी कर दिया है और सुरक्षा के कड़े इंतेजाम कर दिए हैं। रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि, श्रीनगर सेंट्रल जेल और जम्मू की कोट बलवाल जेल को आतंकी हमले का खतरा है।
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बता दें कि यहां, इस समय कई स्लीपर सेल से लोगों और हाई प्रोफाइल आतंकियों को रखा गया है, जिन्हें छुड़ाने के लिए आतंकी इन जेलों पर हमला कर सकते हैं। खबर है कि, इनपुट के बाद केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) के महानिदेशक ने रविवार को श्रीनगर में सुरक्षा ग्रिड के शीर्ष अधिकारियों के साथ मीटिंग की और सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया। साथ ही CISF को सुरक्षा की जिम्मेदारी दी गई हैं।
बता दें कि 22 अप्रैल को पहलगाम के बैसरन मैदान में आतंकियों द्वारा पर्यटकों पर गोलीबारी की थी, जिसमें 26 बेकसूर लोगों की जान चली गई थी। हमले के बाद से भारत ने पाक कि खिलाफ कई बड़े फैसले लिए…
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा, “इस आतंकवादी हमले की गंभीरता को समझते हुए, सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (CCS) ने निम्नलिखित उपायों पर निर्णय लिया-
1- 1960 की सिंधु जल संधि को तत्काल प्रभाव से स्थगित रखा जाएगा, जब तक कि पाकिस्तान विश्वसनीय और अपरिवर्तनीय रूप से सीमा पार आतंकवाद के लिए अपने समर्थन को त्याग नहीं देता।
2- एकीकृत चेकपोस्ट अटारी को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया जाएगा। जो लोग वैध तरीके के साथ सीमा पार कर चुके हैं, वे 1 मई 2025 से पहले उस मार्ग से वापस आ सकते हैं।
3- पाकिस्तानी नागरिकों को SAARC वीजा छूट योजना के तहत भारत की यात्रा करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। पाकिस्तानी नागरिकों को अतीत में जारी किए गए किसी भी SVES वीजा को रद्द माना जाएगा। SVES वीजा के तहत वर्तमान में भारत में मौजूद किसी भी पाकिस्तानी नागरिक के पास भारत छोड़ने के लिए 48 घंटे हैं।
4- नई दिल्ली में पाकिस्तानी उच्चायोग में रक्षा, सैन्य, नौसेना और वायु सलाहकारों को अवांछित व्यक्ति घोषित किया जाता है। उनके पास भारत छोड़ने के लिए एक सप्ताह का समय है।
5- भारत इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग से अपने रक्षा, नौसेना और वायु सलाहकारों को वापस बुलाएगा। संबंधित उच्चायोगों में ये पद निरस्त माने जाएंगे।