Pune Bridge Collapse: महाराष्ट्र के पुणे जिले के पास तलेगांव में इंद्रायणी नदी पर बना पुल भारी बारिश के बाद जलस्तर बढ़ने और भीड़भाड़ के चलते टूट गया। जिसमें चार लोगों की मौत हो गई और 50 से अधिक घायल लोगों को रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान बचा लिया गया।
यह हादसा उस समय हुआ जब कई पर्यटक पुल पर खड़े थे। यह पुल बेहद संकरा था और बारिश के चलते नदी उफान पर थी।
हादसे के कारण
संकरी जगह, अत्यधिक भीड़ और चेतावनी संकेतों की अनदेखी इस दुखद पुल हादसे के मुख्य कारण माने जा रहे हैं।अधिकारियों के अनुसार, पुल की चौड़ाई सिर्फ चार फीट थी और यह एक बार में केवल एक दोपहिया वाहन और कुछ लोगों के लिए बना था।
लेकिन हादसे के वक्त सात से आठ बाइक पुल पर थीं। साथ ही करीब 100 से ज्यादा लोग भी मौजूद थे, जबकि वहां एक चेतावनी बोर्ड भी लगा था।
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पहले से थे खतरे के संकेत
- पुल पर गड्ढे बन चुके थे, जिससे दोपहिया वाहनों के टकराने की घटनाएं हो रही थीं।
- स्थायी मरम्मत न होने के कारण, स्थानीय लोगों ने अस्थायी रूप से सीमेंट ब्लॉक रख दिए थे।
- स्थानीय प्रशासन ने पिछले कुछ वर्षों में पुल की संरचनात्मक जांच (structural audit) नहीं कराई थी।
- ग्राम पंचायत और लोक निर्माण विभाग को दो साल पहले लिखित में शिकायत दी गई थी, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
प्रशासनिक लापरवाही
- सुरक्षा बलों की तैनाती नहीं की गई थी।
- हाल ही में जब ग्रामीणों ने शिकायत की, तो केवल शनिवार को एक पुलिसकर्मी तैनात किया गया।
पिछले साल भाजपा विधायक और मंत्री रविंद्र चव्हाण ने पुल की मरम्मत के लिए 80,000 स्वीकृत किए थे, लेकिन वह राशि उपयोग में नहीं लाई गई।
हादसे से कुछ घंटे पहले चेतावनी
- रविवार दोपहर करीब 12:30 बजे एक स्थानीय निवासी ने पुलिस नियंत्रण कक्ष को भीड़भाड़ की सूचना दी थी।
- पुलिस ने तत्काल जाकर भीड़ को हटाया, लेकिन कुछ समय बाद पर्यटक फिर लौट आए।
हादसा कैसे हुआ
दोपहर 3:15 बजे, पुल लगभग 5 मिनट तक कांपता रहा और फिर भीड़ का भार सहन न कर पाने के कारण ढह गया।
उपमुख्यमंत्री अजित पवार का बयान
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा, ‘हमें इस हादसे के कई पहलुओं की जानकारी मिली है। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, पुल पुराना और जंग लगा हुआ था। कई लोग एकसाथ पुल पर खड़े थे, जिससे वह गिर गया।’
उन्होंने यह भी बताया कि नदी पर नया पुल बनाने की योजना स्वीकृत हो चुकी है।