बीजेपी ने वरुण गांधी का टिकट काटा। वह अभी पीलीभीत से सांसद हैं। वरुण की जगह जितिन प्रसाद को पीलीभीत से टिकट मिला है। वरुण का टिकट कटने की चर्चा पिछले साल से ही चल रही थी। टिकट कटने के पीछे का कारण है वरुण का बगावती तेवर। वह केंद्र की मोदी सरकार और राज्य की योगी सरकार के खिलाफ कई बार बेरोजगारी और किसानों के मुद्दे पर बयान दिया। पिछले दिनों खबर आई थी कि वरुण के टीम के लोग नॉमिनेशन फॉर्म का चार सेट दिल्ली से लेकर सुल्तानपुर पहुंच चुके है।
बीजेपी में कब शामिल हुए थें वरुण गांधी
बीजेपी में वरुण गांधी मां मेनका गांधी के साथ साल 2004 में बीजेपी में शामिल हुए थें। 2004 लोकसभा में पार्टी के दोनों मां बेटे ने प्रचार भी किया था। लोकसभा चुनाव 2009 में बीजेपी ने उन्हें उनकी मां की सीट पीलीभीत से टिकट दिया। वरुण पहले ही चुनाव में रिकॉर्ड मत से जीतकर संसद पहुंच गए। उनकी मां बगल की सीट सुल्तानपुर से चुनाव लड़ी और जीती। 2014 में बीजेपी ने उन्हें उनकी मां की सीट सुल्तानपुर से और मेनका गांधी को पीलीभीत से टिकट दिया और दोनों फिर लोकसभा में जीतकर पहुंचे। 2019 में एकबार फिर दोनों मां – बेटे ने आपस में सीट बदल ली और वरुण पीलीभीत से और मेनका सुल्तानपुर से चुनाव लड़कर लोकसभा पहुंची।
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कभी थे यूपी के सीएम पद के दावेदार
वरुण गांधी यूपी में बीजेपी के सीएम पद के दावेदार रहें है। सत्ता के गलियारों के जानकारों का कहना है कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी ने वरुण गांधी को पार्टी में शामिल कराते हुए ये वादा किया था कि पार्टी उन्हें यूपी में चेहरा बनाएगी और सत्ता में आने पर सीएम भी बनाएगी। वरुण बीजेपी के हिंदुत्व के पिच पर खुलकर बैटिंग भी करने लगे। कई बार उन्होंने ऐसा बयान दिया कि पार्टी और उनके लिए मुश्किल भी खड़ा हुई।